समाजवादी पार्टी ने कानपुर महानगर की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। गठबंधन में तीन सीटें कांग्रेस को देने का फैसला लगभग पूरा हो गया है। जिसमें किदवई नगर, गोविंदनगर और कैंट विधानसभा शामिल है। किदवई नगर से वर्तमान विधायक अजय कपूर कांग्रेस अगले प्रत्याशी होंगे यह पूरी तरह तय हैं,

लेकिन इस सीट से सपा की तरफ से ओमप्रकाश मिश्र को सिंबल देना और उनका पर्चा दाखिल करने के बाद से कई तरह की चर्चा सामने आ रही हैं। क्या अजय कपूर अपनी सीट बदलेंगे? यदि ऐसा नहीं है तो गोविंदनगर और कैंट से कौन लड़ेगा। इस खेल में शहर के तीन बड़े कांग्रेसी श्रीप्रकाश जायसवाल, राजाराम पाल और अजय कपूर आमने-सामने आ गए हैं।
दिल्ली में सुलझाने की कोशिश
कानपुर की राजनीतिक उठापटक दिल्ली में सुलझाने की कोशिश देर रात तक चलती रही। फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। गोविंदनगर सीट से 2012 में कांग्रेेस से शैलेंद्र दीक्षित ने चुनाव लड़ा था। उन्हें तीसरा स्थान मिला था। 35 हजार से ज्यादा वोट पाने की वजह से वह कांग्रेस की सूची में लगातार बने हुए हैं। शैलेंद्र श्रीप्रकाश खेमे के माने जाते हैं। गोविंदनगर सीट पर ही राजाराम पाल के भाई सियाराम और अजय कपूर खेमे के अंबुज शुक्ला भी टिकट की दावेदारी में लगे हैं।
कानपुर की राजनीतिक उठापटक दिल्ली में सुलझाने की कोशिश देर रात तक चलती रही। फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। गोविंदनगर सीट से 2012 में कांग्रेेस से शैलेंद्र दीक्षित ने चुनाव लड़ा था। उन्हें तीसरा स्थान मिला था। 35 हजार से ज्यादा वोट पाने की वजह से वह कांग्रेस की सूची में लगातार बने हुए हैं। शैलेंद्र श्रीप्रकाश खेमे के माने जाते हैं। गोविंदनगर सीट पर ही राजाराम पाल के भाई सियाराम और अजय कपूर खेमे के अंबुज शुक्ला भी टिकट की दावेदारी में लगे हैं।
इस बीच पता चला है कि कैंट सीट पर भी श्रीप्रकाश अपना दबदबा कायम करने में लगे हैं। सुहैल अंसारी फिलहाल श्रीप्रकाश के कोटे में आगे चल रहे हैं। कैंट को लेकर दूसरी चर्चा यह है कि किदवई नगर से पलटवार भी हो सकता है। इसलिए अभी कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की दो सीटों पर भी कांग्रेसियों में घमासान मचा है। इस मसले पर भी फैसला होने में एक दो दिन लग सकता है।
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रनियां से चुनाव लड़ सकते हैँ पूर्व सांसद राजाराम पाल
सपा से सीटों का गठबंधन पूरा होने के बाद अब कांग्रेस में नई बात सामने आ रही है। पता चला है कि पूर्व सांसद राजाराम पाल अब अकबरपुर रनियां से कांग्रेस-सपा के संयुक्त प्रत्याशी हो सकते हैं। इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अभी तक कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। सूत्रों से खबर मिली है कि राजाराम पाल इस सीट पर पूरी तरह से अडिग हैं।
इसके अलावा उन्होंने घाटमपुर सीट भी कांग्रेस के खाते में लेने पर जोर दिया है। यहां से भी राजाराम ने अपना प्रत्याशी तय कर लिया है। अभी खुलासा होना बाकी है। यदि राजाराम यहां से चुनाव लड़ते हैँ तो गोविंदनगर सीट से दावेदारी कर रहे उनके छोटे भाई पीछे हट सकते हैं। राजाराम के जिद करने से भोगनीपुर सीट को कांग्रेस को देने का मामला फंस सकता है।