त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और चार अन्य के खिलाफ जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी। बनर्जी और बसु के अलावा, तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डोला सेन, इसके मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष, सुबल भौमिक और त्रिपुरा के पूर्व मंत्री प्रकाश दास के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
त्रिपुरा पुलिस ने 10 अगस्त को तृणमूल के छह नेताओं के खिलाफ आठ अगस्त को पश्चिमी त्रिपुरा के खोवाई पुलिस थाने में कथित रूप से “आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालने और दुर्व्यवहार” करने का मामला दर्ज किया था। बुधवार को त्रिपुरा के महाधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर डे ने कहा, “अदालत ने निर्देश दिया है खोवाई पुलिस थाना को जांच जारी रखने के लिए कहा है, लेकिन पुलिस अदालत की अनुमति के बिना कोई अंतिम रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगी।”
याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और मिजोरम के पूर्व एडवोकेट जनरल बिस्वजीत देब पेश हुए। पुलिस के अनुसार, तृणमूल नेताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना) और 36 (सामान्य इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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