त्रिपुरा में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आई। शनिवार (10 मार्च) को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने कार्यभार संभाला है। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सत्ता संभालने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान सीएम बिप्लब देब ने राज्य में पिछले 25 सालों से सत्ता पर काबिज रही सीपीआई (एम) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में यूनियन के लोगहफ्ता नहीं उठा सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि मैं यूनियन को तोड़ने के लिए सीएम नहीं बना हूं। लेकिन राज्य में यूनियन के नाम पर जो गुंडागर्दी होती है और कोई इंडस्ट्री को रोकता है तो मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। हमारी सरकार विकास का विरोध कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। मेरा मानना है कि यूनियन इसलिए जरूरी होती है कि किसी कर्मचारी के साथ कोई अन्याय न होने पाए। लेकिन अगर यूनियन हफ्ता वसूलेगी या फिर पार्टी के लिए फंड जुटाएगी तो मैं यह नहीं होने दूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राज्य को संविधान के हिसाब से चलाउंगा।
पिछली सरकार के करप्शन की जांच करवाए जाने के मसले पर त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी करप्शन करने वाले को छोड़ेगी नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने कैबिनेट के मंत्रियों से भी कहा कि मेरी सरकार का मंत्र भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह है- न खाऊंगा और ना खाने दूंगा। हम राज्य में वैसा ही शासन चलाएंगे जैसा पीएम मोदी चाहते हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार (10 मार्च) को बिप्लब देब के शपथ लेते ही 70 सालों में पहली बार पूर्वोत्तर राज्यों में कमल का फूल खिला है और यहां भाजपा की सरकार सत्ता में आ गई है। बता दें कि बिप्लब देब के साथ 9 अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। जिष्णु देब बर्मन ने राज्य के राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा नरेश चंद्र देब बर्मा, रतनलाल नाथ, सुदीप राय बर्मन, प्रांजित सिंह रॉय, मनोज कांति देब, मेवाड़ कुमार जमातिया, सांत्वना चकमा ने भी शपथ ली।
मालूम हो कि शुक्रवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, लाल कृष्ण आडवाणी कई केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस समारोह में मौजूद रहे। इस शपथ ग्रहण समारोह की खासियत यह रही कि इसमें पूर्व सीएम माणिक सरकार भी पहुंचे थे। आपको बता दें कि राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 35 सीटें मिली हैं और उसकी चुनावी सहयोगी आईपीएफटी को आठ सीटें मिली हैं।
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