दिल्ली :आज से यम नियम अनुष्ठान करेंगे व्यापारी,निकलेंगी श्रीराम की भव्य झांकियां

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिवसीय अनुष्ठान करेंगे, उसी तरह व्यापारियों के संगठन कैट ने भी एलान किया है कि वह 14 जनवरी से नौ दिन तक यम नियम अनुष्ठान करने का संकल्प लिया है। श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा के लिए महाकाल की नगरी उज्जैन से वेद मर्मज्ञ आचार्य दुर्गेश तारे को आमंत्रित किया गया है। इसकी अगुवाई व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल करेंगे। वह रविवार अभिजीत मुहूर्त में संकल्प लेंगे और श्री हरि विष्णु की पूजा से यह अनुष्ठान शुरू करेंगे। प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री के अनुष्ठान की घोषणा से उत्साह और प्रेरणा मिली है। इस अनुष्ठान में भूमि शयन, ब्रह्मचर्य का पालन, मौन व्रत धारण, गुरु की सेवा, त्रिकाल स्नान, पाप करने बचना, शुद्ध आहार, अनुष्ठान के समय नित्य दान, स्वाध्याय, नैमित्तिक पूजा, इष्ट गुरु में विश्वास, नाम जपना शामिल है।

श्रीराम की भव्य झांकियां निकलेंगी
दिल्ली को राममय करने के लिए कई तैयारियां चल रही है। 22 जनवरी के लिए भगवान राम से जुड़ी झांकियां भी देखने को मिलेंगी। इसके साथ ही शोभा यात्रा में भी लोग झांकी देख सकेंगे। कई संस्थाओं ने तो 51,000 दीपो की माला से आयोजन स्थल को सजाने की योजना तैयार की है। इस तरह की झांगी उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित दशहरा ग्राउंड में देखने को मिलेगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा समेत राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ दिल्ली इकाई के संचालक मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के संयोजक अनिरुद्ध शर्मा, सह संयोजक ओम प्रकाश आहूजा व जोगिंदर पाल का कहना है कि सैकड़ों वर्षो के पश्चात अयोध्या में पुन:श्रीराम जन्मभूमि भव्य मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है। इसे ही ध्यान में रख दिल्ली के दशहरा ग्राउंड में भी दीपो की माला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। उत्तरी दिल्ली में हर घर को न्योता भेजा गया है। सभी पांच-पांच दीपक लेकर दशहरा ग्राउंड पहुंचेंगे और भक्ति में सराबोर होंगे। रामदरबार से सजी झांकियां निकालने के लिए विशेष तैयारी की गई है।

राम में आस्था दिखाने के लिए मुस्लिम समाज भी आगे आया
आस्था, एकता और श्रद्धा के सबल प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम राम में आस्था दिखाने के लिए मुस्लिम समाज भी आगे आया है। भारत की गंगा-जमुनी विरासत को ध्यान में रखकर पसमांदा मुसलमानों से जुड़े संगठन घर-घर दीपक पहुंचाएंगे। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से पहले जिस तरह मंदिरों की सफाई होगी, ठीक उसी तरीके से मुस्लिम समाज भी अपने धार्मिक स्थल की सफाई करेगा। पुरानी दिल्ली स्थित ख्वाजा बाकी बिल्लाह रविवार इसकी शुरुआत भी होगी। इसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शिरकत करेंगे। मुस्लिम परिवारों के हर घर तक दीपक पहुंचाया जाएगा।

दरअसल, अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव से पहले रविवार से हिंदू संगठन अपने-अपने इलाके के मंदिरों की सफाई करने जा रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस अभियान का चलाया जाएगा। वहीं, पार्षद, विधायक व सांसद भी इसमें मौजूद रहेंगे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज नामक संगठन ने भी एलान किया है कि उसके संगठन से जुड़े मुस्लिम समाज के लोग अपने-अपने इलाके की दरगाहों समेत दूसरे धार्मिक स्थलों की सफाई करेंगे। संगठन की तरफ से कहा गया है कि पूरे विश्व में आस्था व एकता के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम राम में उनके जीवन में भी अहमियत है। महाज के अध्यक्ष आतिफ रशीद के मुताबिक, पुरानी दिल्ली के सदर थाने स्थित दरगाह ख्वाजा बाकी बिल्लाह का बुलंद दरवाजा सिंघाड़ा चौक से अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके बाद पासमंदा समाज के लोग घर-घर जाकर 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण देंगे साथ ही उन्हें अपने घर में जलाने के लिए दीपक भी दिया जाएगा।

शत्रु से भी सीख लेने का नाम है राम

बतौर नृत्यांगना मैंने राम के चरित्र को कई बार जीया है। उनके सुख और दुख को गहरे तक महसूस किया है। इसमें वह प्रसंग मुझे सबसे प्रिय है, जब राम पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए वन चले जाते हैं। राम इसी रूप में मेरे सबसे करीब हैं। पिता की आज्ञा का पालन कर राम ने पिता-पुत्र के संबंधों को नई ऊंचाई दी है। यह अपनी तरह का अनूठा आदर्श है। मेरे राम पारिवारिक मूल्यों को अक्षुण्ण रखने की परंपरा और अपने जीवन लक्ष्यों को पुरुषार्थ से साधने की कला का नाम है।

शत्रु का आदर करने का नाम है राम। शत्रु की भी विद्वता का स्वीकार है राम। कोई अनादर नहीं, जीत का अहंकार नहीं। जो कुछ सीखने लायक है, शत्रु से भी सीख लेने का नाम है राम। यह राम से ही संभव हो सकता है कि अपनी जिंदगी के सबसे अहम युद्ध के शुरुआती और सबसे महत्वपूर्ण विधान की जिम्मेदारी उसी को दे दें, जिनसे उनको युद्ध लड़ना है। रावण को भी आचार्य बना लेना है राम।

और कितना कहूं, राम का रामत्व अथाह है। वह लक्ष्मण के बहाने हम सबको भी शत्रु से सीखने की प्रेरणा देते हैं। इस सलाह के साथ कि ज्ञान विनम्र होकर ही पाया जा सकता है। मैंने कंबन से भी राम को समझा है। तभी राम की सुंदरता पर भी गुमान है मुझे। वह भी ऐसा, शरीर के जिस हिस्से पर नजर पड़े, अपलक उसे ही देखना हो। इसमेें पूर्णता में देखने का मोह कौन करे। जनकपुर ने किया भी नहीं। मेरे राम मन से भी सुंदर है, शरीर से भी। आचरण तो उनका सर्वोच्च है ही।

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