किराड़ी में लोगों को दी जा रही बुनियादी सुविधाओं को परखने के लिए शनिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों के साथ दौरा किया। इस क्षेत्र के लोग लगातार एलजी हाउस में समस्याओं को लेकर शिकायत कर रहे थे।
एलजी का दौरा भगवान महावीर मार्ग से शुरू हुआ। यह किराड़ी को रोहिणी और रिठाला से जोड़ता है। इसके अलावा एलजी क्षेत्र की अन्य जगहों पर भी गए। यहां नालियों में कचरे के ढेर दिखे। इस पर एलजी ने एक माह में एमसीडी और अन्य संबंधित एजेंसियों को स्वच्छता में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने के आदेश दिए। साथ ही भरे हुए सीवर, खुले मैनहोल, कूड़े के ढेर, गड्ढों वाली धूल भरी सड़कें और टूटे फुटपाथों पर नाराजगी जताई। एलजी ने कहा कि सरकारी एजेंसियों की उदासीनता के कारण क्षेत्र में रहने वाले सात से आठ लाख की आबादी नारकीय जीवन जीने को मजबूर है।
जलभराव से परेशान हैं लोग
अधिकारियों ने बताया कि किराड़ी का बड़ा हिस्सा निचले हिस्से में है। यहां बरसात के दौरान गंभीर रूप से जलभराव की आशंका रहती है। इसके अलावा यहां सीवरेज प्रणाली की कमी है। लोग यहां परेशानियों के साथ रहने को मजबूर हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए जल बोर्ड और फंड विभाग ने कोई ठोस काम नहीं किए। पीडब्ल्यूडी और एमसीडी ने सड़कों को खस्ताहाल छोड़ दिया। इसके अलावा किराड़ी में करीब 500 एकड़ डीडीए की भूमि का हिस्सा गंदे पानी से भरा रहता है।
दूसरी कॉलोनियों का भी करेंगे दौरा
दिल्ली की अन्य अनधिकृत कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं का जायजा लेने के लिए एलजी आने वाले दिनों में अन्य कॉलोनियों का भी दौरा करेंगे। इस दौरान समाधान खोजने के लिए अंतर-विभागीय/एजेंसी समन्वय सुनिश्चित करेंगे।
जल्द बनाएं नाला
एलजी ने डीडीए को 7.2 किमी लंबे नाले के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही, क्षेत्र में जलभराव के दीर्घकालिक समाधान बनाने को कहा। मौजूदा समय में नाला पर्याप्त नहीं है। एलजी ने पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड, बाढ़ एवं सिंचाई सहित अन्य एजेंसियों को जलभराव को रोकने के लिए केएसएन ड्रेन और रोहतक रोड के साथ अन्य मौजूदा नालों के पुनर्निर्माण के काम में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है। साथ ही, जल बोर्ड को जल्द सीवरेज नेटवर्क बिछाने और अपग्रेड करने का निर्देश दिया। किराड़ी क्षेत्र में ईंट भट्टों के लिए मिट्टी की गहरी खुदाई की गई है। इस कारण यहां का काफी क्षेत्र गहरा हो गया है। ऐसे में यहां स्थित बस्तियां व अनधिकृत कॉलोनियां निचले स्तर पर आ गई हैं और गंभीर जलजमाव की चपेट में हैं। इसके अलावा रेलवे को भी समस्या दूर करने को कहा गया है।