दिल्ली में निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं ले सकते हैं। ट्यूशन फीस के साथ अन्य कोई शुल्क मांगने पर न केवल उसे वापस करना होगा या फिर उसे समायोजित करना होगा। शिक्षा निदेशालय ने फीस को लेकर आ रही शिकायतों के बाद इस संबंध में आदेश जारी किया है। शिक्षा निदेशालय के इस आदेश को नहीं मानने वाले स्कूलों के खिलाफ दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट एंड रूल्स-1973 के सेक्शन-24 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली सरकार के केवल ट्यूशन फीस लेने के आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक परेशान हैं। वह सरकार के इस आदेश को सही नहीं मान रहे। स्कूलों के एसोसिएशन अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे तो बंद करने पड़ जायेंगे स्कूल।
क्या है पूरा आदेश
शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि फीस को लेकर 18 अप्रैल को दिए गए आदेश का स्कूलों को पालन करना होगा। स्कूल अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस ही वसूलेंगे। स्कूल किसी प्रकार से वार्षिक शुल्क या विकास शुल्क व परिवहन शुल्क नहीं मांगेंगे। न ही स्कूल किसी प्रकार से बढ़ी ट्यूशन फीस मांग सकते हैं। फीस न देने पर किसी प्रकार से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बंद नहीं की जाएंगी।
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