दिल्ली के स्कूलों में बम की धमकी मामले में रूस ने अभी तक नहीं दी कोई जानकारी

दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे मेल मिलने की गुत्थी 12 दिन बाद भी अनसुलझी है। रूस ने अभी तक भारत को मेल की जानकारी नहीं दी है जबकि दिल्ली पुलिस इंटरपोल की मदद ले रही है। दूसरी तरफ धमकी भरा मेल भेजने के लिए जो रिकवरी मेल बनाया गया था उसकी भी पूरी जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की तफ्तीश जहां पहले दिन थी 12 दिन बाद भी वही है। एक मई को दिल्ली के कुल 181 स्कूलों में धमकी भरे मेल मिले थे।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस तरह से दिल्ली के 181 समेत दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों के ई-मेल आईडी जुटाए गए और बारी-बारी से सभी स्कूलों को धमकी भरे मेल भेजे गए। यह एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता है। ये किसी गिरोह ने संगठित तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया है। इन लोगों ने पूरा होमवर्क करने के बाद वारदात को अंजाम दिया है।

दिल्ली पुलिस की पुलिस कंट्रोल के रिकार्ड के अनुसार दिल्ली के 181 स्कूलों में धमकी भरे मेल आए थे। ये मेल सुबह चार बजे से सुबह सवा नौ बजे तक आए थे। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस(सीआई) सौंपी गई है। जिस मेल.आरयू से धमकी भरे मेल भेजे गए उस मेल आईडी का रिकवरी मेल की भी जानकारी ली गई है। मगर रिकवरी मेल की भी जानकारी नहीं मिली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है रिकवरी मेल की जानकारी मेल पर ये पता लग जाती कि धमकी भरे मेल भेजने वाली मेल आईडी कहां बनी है। धमकी भरे मेल भेजने के लिए वीपीएन नंबर को इस्तेमाल किया गया है।
क्या है रिकवरी मेल
मुख्य मेल आईडी बनाने के लिए एक मेल आईडी मांगी जाती है। इंटरनेट पर 50 से ज्यादा साइट टेम्परेरी मेल आईडी उपलब्ध कराती हैं। एक साइट टेम्परेरी मेल. कॉम भी है, जो टेम्परेरी मेल आईडी उपलब्ध कराती है। ये मेल आईडी 10 से 15 मिनट के लिए बनाई जाती है। इसके बाद ये मेल आईडी अपने आप डिलीट हो जाती है।
गुजरात के स्कूलों में अलग मेल से मिली थी धमकी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुजरात व दिल्ली के स्कूलों में अलग-अलग मेलों से धमकी भरे मेल आए थे। हालांकि दोनों मेलों में मेल. आरयू था। गुजरात पुलिस को धमकी भरे मेल की जानकारी मिल गई थी। उससे पता लग गया था कि धमकी भरा मेल पाकिस्तान में बना था और वहां से धमकी भरे मेल भेजे गए।
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