पेरिस ओलंपिक में दिल्ली और फरीदाबाद के सात खिलाड़ी अपना दमखम दिखाएंगे। इसमें दिल्ली से मनिका बत्रा, सुमित नागल, अमोज जैकब, राजेश्वरी कुमारी, तुलिका मान व विकास सिंह शामिल हैं। इसके अलावा फरीदाबाद की शूटर रिदम सांगवान हिस्सा ले रही हैं। मनिका बत्रा टेबल टेनिस व सुमित नागल लॉन टेनिस में हिस्सा लेंगे, जबकि अमोज जैकब चार गुना चार सौ मीटर रिले दौड़ में और विकास सिंह रेस वॉकिंग प्रतिस्पर्धा में चलेंगे। तुलिका मान जूडो में जोर दिखाएंगी। वहीं, राजेश्वरी कुमारी शूटिंग में निशाना साधेगी। इन खिलाड़ियों के परिजनों, दोस्तों व पड़ोसियों को अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि इन खिलाड़ियों ने ओलंपिक में देश को पदक दिलाने के लिए विदेश में रहकर अच्छी तैयारी की है। इसके अलावा ओलंपिक से पहले उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस कारण उनका मनोबल काफी ऊंचा है। अमर उजाला टीम ने खिलाड़ियों के परिजनों से बात की।
सुमित नागल को आठ साल की उम्र में टेनिस के कोर्ट में उतारने वाले उनके पिता व एमसीडी में शिक्षक सुरेश नागल को इस बार अपने लाडले के पदक जीतने की पूरी उम्मीद है। दरअसल, दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए सुमित व उनके कोचों ने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने जर्मनी में कई माह तक कोचिंग ली है। इसका परिणाम भी सामने आया है। वह ओलंपिक से पहले एक प्रतियोगिता जीतने में कामयाब भी हुए। इसका उन्हें ओलंपिक में लाभ मिलेगा। सुरेश नागल ने कहा कि वह अपने बेटे के कोर्ट में उतरने को लेकर काफी उत्सुक है। मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के जैतपुर गांव निवासी व वर्तमान में मोती नगर, डीएलएफ सिटी में रहने वाले सुरेश नागल का कहना है कि वह व उनका ड्रा को लेकर चिंतित नहीं है। वह ओलंपिक में खेलने आए अधिकतर बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ कई बार खेल चुके हैं और उनकी कमजोरी एवं खूबी के बारे में पूरी तरह वाकिफ है।
ओलंपिक के लिए चयनित हुए अमोज जैकब में बचपन से कुछ पाने की ललक थी। अब वह देश के लिए पदक लाएगा। यह कहना है नंद कुमार मीणा का। बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में जैकब की मां मेरी के साथ नर्सिंग ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे नंद बताते हैं कि मैरी जैकब पिछले 16 साल से उनके साथ अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं। बचपन से अमोज को उन्होंने एथलीट करते हुए देखा है। उसकी कड़ी मेहनत के कारण ही ओलंपिक में जगह मिली। उसके चयन के बाद पूरी उम्मीद है कि जैकब पदक जीकर ही लौटेगा। ओलंपिक के चयन के बाद से पूरे अस्पताल में खुशी का माहौल है। पूरा नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल का हर कर्मचारी जैकब की जीत के लिए दुआ कर रहा है। वह जीतकर लौटता है तो देश का नाम रोशन होगा। जैकब ने बताया कि वह अपने घर केरल आई हुई हैं। उन्हें अपने बेटे पर पूरा भरोसा है। पूरी उम्मीद है कि बेटा देश के लिए पदक लेकर ही आएगा।
पूर्वी दिल्ली की घनी आबादी वाले इलाके सीलमपुर में रहने वाले 26 वर्षीय विकास सिंह पर लोगों को उम्मीद है कि वह पेरिस में आयोजित ओलंपिक में देश का मान बढ़ाऐंगे। सीलमपुर के बेहद संकरी में गली में विकास का घर है। पड़ोसियों ने बताया कि विकास के पदक जीतने की दुआ की जा रही है। वह इस बार के ओलंपिक में पदक जीतकर देश का नाम पूरे विश्व में ऊंचा करेंगे। उनकी गली में रहने वाले राजेश ने बताया कि विकास ओलंपिक में पुरुषों की 20 किमी रेस-वॉकिंग में भाग लेंगे। इसके लिए उनके के साथ ही परिवार ने भी बहुत मेहनत की है। बीते वर्ष मार्च में जापान के नोमी में एशियाई रेस वॉकिंग चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने ओलंपिक का टिकट हासिल किया था। परिवार के साथ ही आस पड़ोस के लोग भी उनके ओलंपिक में जाने पर खुश हैं और पदक जीतने की दुआ कर रहे हैं। विकास ने 2023 में हांगझू एशियाई खेलों में पांचवां स्थान मिला था। इसी साल एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
ओलंपिक खेलने नहीं, स्वर्ण पदक जीतने जा रही हूं। यह बातें जूडो में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली तुलिका मान ने टैगोर गार्डन में रहने वाली अपनी मां अमृता सिंह पेरिस ओलंपिक में जाने से पहले कही। उनकी मां दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी को खेलते देख बहुत उत्सुक हैं। जब वह पदक जीतकर आएंगी तो, पूरे इलाके व देश का नाम रोशन करेगी। उम्मीद है कि निश्चित ही गोल्ड आएगा, क्योंकि तूलिका के ऊपर भगवान का आशीर्वाद है। उन्होंने बताया कि उनकी लाडली स्कूली दिनों में 12वीं कक्षा के छात्रों को कुश्ती में हरा देती थी। जबकि वह खुद छठी कक्षा में थी। जब यह बात पता चली, तो उन्होंने तूलिका को इलाके की जूडो में ब्लैक बेल्ट संगीता के पास सीखने के लिए भेज दिया। अमृता बताती हैं कि वह जब अपने दफ्तर चली जाती थी, तो तूलिका को घर में बंद करके जाया करती थी, लेकिन वह पड़ोसी की छत पार कर बाहर खेलने चली जाती थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी अपनी बेटी के सपने को पूरे,करने में खर्च कर दी। तूलिका बेहद मेहनती है। वह अभ्यास के बाद रात में आकर बीजेएमआई खेलती है। जिससे वह तनाव को दूर रखती है।
लोग जब अपने काम काज में व्यस्त होंगे, तो देश की झोली में पेरिस ओलंपिक के पदक होंगे। महरौली स्थित शांति फार्म में रहने वाली शूटर राजेश्वरी कुमारी भी पेरिस ओलंपिक में अपना दमखम दिखाने के लिए उतरेंगी। कुमारी की जीत पर परिवार के साथ उनके पड़ोसी भी आश्वस्त हैं। बस अब मौका है उस पल का जब पदक के लिए वह अपना सटीक निशाना साधेगी। इसे लेकर उनके चाहने वाले कामना कर रहे हैं। साथ ही, इस खुशी का बेसब्री से इंतजार कर रहे उनके मैनेजर मुमताज अली बताते हैं कि वह उन्हें बचपन से खेलता देख रहे हैं। हालांकि, बचपन में कुमारी को पियानो व ड्रम बचाना पसंद था। लेकिन,वह अपने पिता के साथ शूटिंग रेंज जाती थीं। उन्हें देख धीरे-धीरे उनकी भी दिलचस्पी शूटिंग की तरफ बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह पहले घर पर तैयारी करती थी, लेकिन बाद में शूटिंग रेंज में जाना शुरू कर दिया। अली ने बताया कि जब वह पेरिस के लिए रवाना हो रहीं थी, तो घर पर सभी कर्मचारियों से मिली थी। वह ओलंपिक के लिए काफी उत्साहित हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर 50 और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 33 पदक जीतने वाली शूटर रिदम सांगवान ओलंपिक में पदक जरूर लाएंगी। शुक्रवार को यह बात रिदम की मम्मी नीलम सांगवान और पापा नरेंद्र सांगवान ने कही। रिदम की मम्मी का कहना है कि उसने जीतोड़ मेहनत की है। उसके बेहतरीन परफॉरमेंस पर परिजन आश्वस्त हैं कि वह पदक जरूर लेकर आएंगी। शहर की शूटर रिदम सांगवान सेक्टर-21सी में अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक कर रही हैं। उनके पिता नरेंद्र सांगवान रेवाड़ी में डीएसपी हैं। मां नीलम सांगवान बताती हैं कि रिदम पूरे हौसले के साथ तैयारी कर रही हैं। उनकी बेटी से प्रतिदिन बात होती है। रिदम उनसे कहती है कि वह देश के लिए जरूर पदक जीतकर लाएगी। रिदम से पूरा भारत पदक लाने की आस रखे हैं। ओलंपिक में उनका चयन होने के बाद से उनके घर पर लगातार लोगों का बधाइयों का तांता लगा हुआ है। रिदम का आज को मुकाबला होना है। उनके दो मुकाबले होने हैं। इनमें उनके 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिक्स्ड प्रतिस्पर्धा होंगी।
फरीदाबाद निवासी रिदम सांगवान शूटिंग के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में शनिवार को प्रतिभाग करेंगी। उससे पहले शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रिदम का उत्साहवर्धन करने के लिए घर पर संदेश और साथ में पांच किग्रा देसी घी भेजा था। बधाई संदेश और घी रिदम के घर देने कार्यकारी जिला खेल अधिकारी और अन्य अधिकारी गए थे। रिदम सांगवान ओलंपिक गेम्स 2024 में प्रतिभागी करने हेतु पेरिस में है। जिस कारण मुख्यमंत्री नायाब सैनी का बधाई संदेश और घी उनके पिताजी नरेन्द्र सांगवान और माताजी नीलम सांगवान को दिया है।
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