राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाले इलाके कनॉट प्लेस स्थित ‘फर्जी कैफे’ के एक कर्मचारी को क्रेडिट और डेबिट कार्ड की क्लोनिंग करने और उससे 6 लाख रुपये से ज्यादा की निकासी करने के आरोप में नामजद किया गया है। आरोपी रेस्टोरेन्ट में आए ग्राहकों से पेमेंट लेने के लिए उनका क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड लेता था और उसका क्लोन तैयार कर लेता था।
वह छुपकर किसी तरह ग्राहकों द्वारा डाले गए पिन को देख लेता था और बाद में उससे पैसे निकाल लेता था। एचडीएफसी बैंक की 29 अप्रैल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। फिलहाल आरोपी फरार है।
केस की जांच करने वाले अधिकारी ने कहा कि फिलहाल वो इसे कार्ड क्लोनिंग के तौर पर देख रहे हैं क्योंकि सभी ग्राहकों के कार्ड उनके पास हैं और सभी के कार्ड से एक ही प्वाइंट पर निकासी की गई है। इसलिए संभव है कि आरोपी ने कार्ड की क्लोनिंग की हो और पैसे की निकासी की हो। पुलिस ने पिछले दिनों इस तरह के कई मामलों में होटल-रेस्टोरेन्ट के वोटर्स, शॉप असिस्टेन्ट, कुरियरल ब्वॉय के गिरफ्तार किया है। इनमें कई तो एमबीए डिग्रीधारी भी हैं।
नई दिल्ली के डीसीपी बी के सिंह ने बताया है कि एचडीएफसी बैंक की शिकायत पर बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि कुल 13 ट्रांजैक्शन किए गए हैं। सभी फर्जी कैफे में हुए हैं। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि बैंक ने जिन तेरह ग्राहकों का डिटेल उपलब्ध कराया है, उन सभी के कार्ड से एक ही जगह फर्जी कैफे से निकासी हुई है।
उधर, कैफे के मालिक, जोरावर कालरा ने कहा है कि उसे सबसे पहले इसकी भनक 15 अप्रैल को लगी थी। तब पुलिस को इसके बारे में बता दिया था। कैफे के कर्मचारी मोहम्मद बदरुल इस्लाम बरदुइया की तब संदिग्ध के तौर पर पहचान की गई थी। बदरुइया असम का रहने वाला है और मिड मार्च से लापता है। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि जिन तेरह लोगों के साथ ठगी हुई है, सभी को कैफे में बरदुइया ने ही एंटरटेन किया था।
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