निर्भया गैंगरेप के बाद महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए भले ही कितने दावे किए गए हो। मगर इसके बाद हालत ऐसी ही बनी हुई है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार और अपहरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार राजधानी की जनसंख्या 1.75 करोड़ के आसपास है। इसमें महिलाएं करीब 80 लाख हैं।
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निर्भया गैंगरेप के बाद राजधानी में महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की बात की गई, लेकिन हालात जस के तस हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें, तो अब भी राजधानी में रोजाना छह महिलाओं के साथ दुष्कर्म और 12 महिलाओं से छेड़छाड़ हो रही है। वहीं, 11 महिलाएं और लड़कियां रोजाना गायब हो जाती हैं।
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महिलाओं की 80 लाख की आबादी पर दिल्ली पुलिस में सिर्फ 7454 महिला पुलिस कर्मी तैनात हैं। थानों में उनकी तैनाती न के बराबर है। ऐसे में दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। आंकड़ों पर गौर करें, तो 40 फीसदी महिलाओं के साथ आते-जाते समय छेड़छाड़ की जाती है। वहीं, करीब 41 फीसदी महिलाएं बसों, मेट्रो व ट्रेनों में छेड़छाड़ का शिकार होती हैं। बाकी महिलाओं से बाजार व भीड़ वाले अन्य स्थानों पर छेड़छाड़ होती है।