मुंबई की तरह दिल्ली की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली मेट्रो सेवा अगले 24 घंटे में ठप हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 29 जून यानी शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का एलान किया है। अगर कर्मचारियों की भूख हड़ताल हुई तो दिल्ली मेट्रो की सेवाएं ठप होने का खतरा मंडरा गया है। लाखों यात्रियों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल मेट्रो की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि बसों के साथ सड़क पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
बता दें कि दिल्ली मेट्रो के जरिये करीब 25 लाख लोग रोजाना यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में केवल दिल्ली के ही नहीं, बल्कि हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़) और यूपी (नोएडा व गाजियाबाद) के मेट्रो यात्री भी शामिल हैं। वहीं, हड़ताल पर जाने के मुद्दे पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता का कहना है कि कर्मचारियों की कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
इससे पहले जुलाई, 2017 में भी ऐसी परिस्थिति आ गई थी, जब उसके नॉन-एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने इसी तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। हालांकि, आखिरी समय पर डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल की बैठकों के बाद मसला टल गया था।
तकरीबन एक साल बाद फिर ऐसी ही स्थिति आती दिखाई दे रही है। अब मांगों के लेकर कर्मचारियों ने 29 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और 30 जून से अनिश्चितकालीन सेवा हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। हड़ताल करने वालों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी घटना और यात्रियों की असुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो प्रबंधन जिम्मेदार होगा।
अगर हड़ताल हुई तो दिल्ली सरकार भी परेशानी में आ सकती है, क्योंकि मेट्रो ट्रेनों के नहीं चलने से ज्यादा से ज्यादा यात्री सार्वजनिक वाहन यानी बसों की तरफ भागेंगे। ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) नाकाम ही साबित होगा, क्योंकि उसके पास बसों की काफी कमी है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features