दिल्ली सरकार की तरफ से इंदिरा गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का संचालन शुरू करने पर स्पष्ट जवाब नहीं देने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत ¨सह की पीठ ने कहा कि दिल्ली में पर्याप्त चिकित्सा ढांचा नहीं और दिल्लीवासियों को चिकित्सा देखभाल की सख्त जरूरत है। पीठ ने कहा दिल्ली सरकार की यह दलील स्वीकारने लायक नहीं है कि गैर-कोरोना सुविधा वाले अस्पताल के तौर पर घोषित होने के बाद ही यहां पर सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं शुरू होंगी।
पीठ ने दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा से दो टूक कहा कि आप फिर से नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करके बताएं कि सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं वाले अस्पताल का संचालन कब से शुरू होगा। द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल का संचालन जल्द शुरू करने का निर्देश देने की मांग को लेकर द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी। पीठ की नाराजगी को देखते हुए राहुल मेहरा ने स्थिति रिपोर्ट के तौर पर पेश किए हलफनामा को वापस लेने का अनुरोध किया। इसे स्वीकार करते हुए पीठ ने दिल्ली सरकार को अस्पताल शुरू करने की समयसीमा बताने का निर्देश देते हुए नया हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।
मामले में अगली सुनवाई 15 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि पांच तल तक कार्य पूरा हो चुका है। इस पर पीठ ने सवाल किया कि अगर पांच तल तैयार हैं तो क्या वहां चिकित्सा सुविधा संचालित हो रही है या क्या वहां सुपर स्पेशियलिटी व्यवस्था की गई हैं। राहुल मेहरा ने जवाब देते हुए कहा कि अभी वहां काई व्यवस्था नहीं है। आक्सीजन पाइपलाइन समेत अन्य व्यवस्था करना बाकी है। इस पर पीठ ने कहा कि जैसा कि तीसरी लहर आने की आशंका है और उस समय क्या होगा कोई नहीं जानता, लेकिन पुख्ता व्यवस्था तो करनी ही चाहिए। अगर सरकार वहां कोरोना केयर सुविधा स्थापित करती है, तो वहां पर डाक्टर समेत अन्य व्यवस्था करनी होंगी।
हालांकि, इसके बावजूद विशेषज्ञों की जरूरत होगी, जो कोविड से ठीक होने वाले मरीजों को देख सकें। पीठ ने कहा कि कोविड सुविधा का मतलब सिर्फ आक्सीजन बेड तैयार करना नहीं है आपके पास इलाज के लिए विशेषज्ञ और सुपर स्पेशियलिटी सुविधा होनी चाहिये। बहरहाल, अस्पताल का संचालन ही शुरू करने में देरी होती है तो कुछ भी करने की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। इस पर राहुल मेहरा ने कहा कि उन्हें कुछ समय दिया जाए, वे इस पर दिल्ली सरकार से बात कर अदालत को बेहतर रिपोर्ट पेश करेंगे।