उत्तरी दिल्ली के सफाई कर्मचारियों ने मेयर प्रीति अग्रवाल का सम्मान किया है. नियमितिकरण और एरियर की उनकी मांग को मानने और हाल ही में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल तुड़वाने के लिए उनका सम्मान किया गया. सफाई कर्मचारियों की यूनियन का एक दल सिविक सेंटर पहुंचा और मेयर का हाल में हड़ताल तुड़वाने और मांगों को मनवाने में अहम भूमिका निभाने के लिए उनका शुक्रिया किया. सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रणधीर गागत ने कहा कि उत्तरी दिल्ली की मेयर प्रीति अग्रवाल की कोशिशों के चलते ही सफाई कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा मिल सकी. इसके लिए सफाई कर्मचारी लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के लिए मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराना एक ऐतिहासिक कदम है. क्योंकि सफाई कर्मचारी विपरीत स्थितियों में कार्य करते हैं. जहां बेहद गंदगी होती है और ऐसी परिस्थितियों में काम करने वाले लोगों को मेडिकल सुविधा प्रदान करना उनके भविष्य को सुरक्षित करने जैसा है.
इससे उन सभी सफाई कर्मचारियों को आर्थिक मदद मिल सकेगी जो बीमार पड़ने के बाद इलाज कराने से कतराते थे, फिर बाद में गंभीर बिमारी से ग्रसित हो जाते थे. यूनियन के लोगों ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के लिए मेडिकल सुविधा ना होने से उन्हें हमेशा स्वास्थ्य के प्रति परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन सफाई कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा देकर मेयर ने उनके साथ ही पूरे परिवार को बड़ी राहत प्रदान की है.
मेयर प्रीति अग्रवाल ने इस दौरान कहा कि सफाई कर्मियों की हड़ताल तुड़वाने और उनकी मांगों को लेकर पहले ही दिन से वो गंभीर थीं. इसलिए हड़ताल के वक्त वो देर शाम तक यूनियन के लोगों के साथ सिविक सेंटर में अपने दफ्तर में बैठक करती थीं. आखिरकार 6 अप्रैल को सफाई कर्मचारियों के यूनियन ने हड़ताल खत्म करने का आश्वासन देकर 7 अप्रैल को हड़ताल खत्म कर दी थी.
हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे दिल्ली सरकार- मेयर
सम्मान समारोह में मेयर प्रिति अग्रवाल ने कहा कि अब दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तुरंत नॉर्थ एमसीडी को चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड जारी करना चाहिए. मेयर प्रीति अग्रवाल ने कहा कि वो लंबे वक्त से नॉर्थ एमसीडी का करीब 1500 करोड़ रुपए का फंड मांग रही थीं, लेकिन उन्हें अब खुशी है कि हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश देकर फंड जारी करने को कहा है. मेयर ने बताया कि इससे नॉर्थ एमसीडी अपने स्टाफ की बकाया सैलरी तो देगी ही वहीं इस फंड के मिलने से विकास कार्यों में भी तेजी आएगी.