लखनऊ: दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पुलिस ने लखनऊ के पारा क्षेत्र में नहरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने उनको कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने गायत्री को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। गायत्री कोलकता से सड़क मार्ग के रास्ते लखनऊ आ रहे थे और आज वह कोर्ट में सरेंडर करने वाले थे, पर पुलिस ने उनको धर-दबोचा। गिरफ्तारी के बाद भी गायत्री प्रजापति की हनक पुलिस पर देखने को मिली। कोर्ट जाने के लिए गायत्री पुलिस की गाड़ी से न जाकर अपनी फारच्यूनर गाड़़ी से कोर्ट पहुंचे।
आलमबाग कोतवाली से जब गायत्री को कोर्ट पेशी के लिए ले जाया गया तो पुलिस से ज्यादा उनके समर्थक साथ में मौजूद थे। ऐसा लग रहा था कि कोई आरोपी नहीं बल्कि किसी मंत्री का काफिला चल रहा है। कोर्ट में फोटो बनाने को लेकर गायत्री के लोगों ने एक चैनल के कर्मचारी के साथ अभद्रता की और वहीं क्राइम ब्रांच के एक सिपाही को भी मीडियाकर्मी समझ पीट दिया। कोर्ट में पेशी के बाद गायत्री को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद गायत्री प्रजापति से आलमबाग सीओ आफिस में बयान दर्ज किया गया। इसके पहले सीओ हजरतगंज व आलमबाग की टीम ने फरार साथियों पिंटू सिंह उर्फ अमरेन्द्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस अब तक गायत्री प्रजापति के गनर रहे चन्द्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।
मामूली इंसान से करोड़पति बना गायत्री प्रजापित
कभी मामूली सी साइकिल से चलने वाला गायत्री प्रजापति राजनीति में आते ही करोड़पति बन बैठा। आठवी की पढ़ाई कर चुके गायत्री के पास करोड़ों की सम्पति है। बताया जाता है कि गायत्री के नाम पर सहयोग बिल्डमेट एंड इंफ्राास्ट्रक्चर ,एमजीएम एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, डीसेंट कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसजी रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसए इंफ्रा वैंचर प्राइवेट लिमिटेड, कान्हा बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड, मग्स एंटरप्राजेज प्राइवेट लिमिटेड, एमजीए हासपिटैलिटी सर्विसज प्राइवेट लिमिटेड, दया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, नवदृष्टी टेक्नोलॉजी सल्यूशन्स, एक्सल बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लाइफक्योर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कम्पनियां हैं। साल 2002 में गायत्री के पास 91,436 रुपए की संपत्ति थी, लेकिन साल 2017 में 10 करोड़ 2 लाख 51 हजार 101 रुपए की संपत्ति हो गई।
यह है पूरा मामला
18 फरवरी को अमेठी से चुनाव लड़े गायत्री प्रजापति व उसके छह साथियों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट लिखाई गई थी। यह रिपोर्ट चित्रकूट की एक पीडि़ता की तहरीर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि गायत्री के सरकारी आवास पर उन्हें नशीला पदार्थ चाय में पिलाकर बेहोश कर दिया गया था। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत उनके सात साथियों के खिलाफ दुष्कर्मए दुष्कर्म के प्रयासए पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।