फसल वर्ष 2017-18 के चालू रबी मौसम में 4.27 प्रतिशत घटकर 3.04 करोड़ हेक्टेयर ही रह गया है.इस कारण गेहूं उत्पादन पिछले साल के रिकार्ड 9.84 करोड़ टन के मुकाबले कम रहने की आशंका है.
बता दें कि इस बारे में जो आधिकारिक आंकड़ें मिले हैं उनके अनुसार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पश्विम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में इस साल कम इलाके में गेहूं की बुवाई किये जाने से यह हालात बने हैं. खास बात यह है कि गेहूं के रकबे में सर्वाधिक 11 लाख हेक्टेयर की कमी मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है. जबकि इस मामले में एमपी अव्वल रहता है. इस साल एमपी ने गेहूं का समर्थन मूल्य 20 रुपए किलो तय किया है .हाल ही में सीएम ने इसकी घोषणा की है.
उल्लेखनीय है कि इसी कारण विशेषज्ञों के अनुसार रकबे में कमी से गेहूं का उत्पादन 2017-18 में पिछले साल के स्तर से नीचे रहने का अंदेशा है.प्रति हेक्टेयर औसतन 3.1 टन गेहूं उत्पादन के हिसाब से कुल उत्पादन 9.4 से 9.6 करोड़ टन के दायरे में रहने का अनुमान लगाया गया है.जबकि कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष 2017-18 में 9.75 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है.
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