उत्तराखंड में मौसम रंग बदलने लगा है। देहरादून से 180 किलोमीटर दूर त्यूणी क्षेत्र में बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। खेतों में मलबा घुसने के साथ ही सड़क भी बंद हो गई है। बरसाती नाले के उफान में आधा दर्जन मवेशियों के बहने की सूचना है। इसके अलावा उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट के धारी कलोगी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 21 मवेशियों की मौत हुई है। सूचना पर मंगलवार सुबह को प्रशासन और पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा क्षति का आकलन किया। 
मंगलवार को सुबह से साफ आसमान एकाएक बादलों से घिर गया। देहरादून जिले में चकराता के त्यूणी क्षेत्र में सुबह बादल फट गया। तयूणी के एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि सड़क पर मलबा भरने से यातायात ठप है। सड़क को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व दल नुकसान का जायजा लेने भेजा गया है। दूसरी ओर उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली में दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। देर शाम पौड़ी में भी तेज बौछारें पड़ीं। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में मेघ जमकर बरसे। पिथौरागढ़ के धारचूला में मवेशियों को चुगाने जंगल गई एक किशोरी पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आ गई। किशोरी की मौके पर ही मौत हो गई है। वह नौवीं कक्षा की छात्रा थी।
तहसील मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर धारी कलोगी गांव में मंगलवार की रात को तेज गरज के साथ बारिश हुई। इसी दौरान आकाशीय बिजली भी गिरी। बिजली गिरने से एक गौशाला में बंधी पांच परिवारों के 21 मवेशियों की मौत हुई। इनमें से 5 बकरियां व 1 भैंस सियाराम डोभाल, 1 भैंस व 6 बकरियां जनानंद डोभाल, 1 बकरी रतन मणि, 3 बकरी सतेश्ववर तथा 4 बकरियां नेत्रमणी डोभाल की थी। इस घटना की जांच के लिए बडकोट के तहसीलदार बुद्धि सिंह रावत, क्षेत्रीय पटवारी राजेश, एसआइ संजय रावत, राजस्व उप निरीक्षक जयेंद्र सिंह राणा, पशु चिकित्सालय डॉ. मोनिका गोयल मौके पर पहुंचे। जिसके बाद संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी गई।
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