देहरादून में नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुआ जबरदस्त हंगामा,भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आपस में भिड़ें

नगर निगम की बोर्ड बैठक में कांग्रेस पार्षद द्वारा राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले को पत्थरबाज कहने पर जबरदस्त हंगामा हो गया। इतना ही नहीं भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आपस में भिड़ गए।

राज्य आंदोलनकारी शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कहा

जानकारी के मुताबिक सोमवार को नगर निगम में आयोजित बोर्ड बैठक के दौरान चंदर नगर से कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने राज्य आंदोलन में बलिदान देने वाले राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया। कहा कि वह गुंडे थे, जिन्‍होंने दूसरे के घर पर पत्थर फेंका था। जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया और पार्षद आमने-सामने आ गए। भाजपा पार्षद मीना बिष्‍ट के विरोध में उतर आए और कांग्रेसी पार्षद बोर्ड बैठक से उठ गए।

इतना ही नहीं आक्रोश में पार्षद मीना बिष्ट ने बलिदानी राजेश रावत की तुलना आतंकवादी से कर दी। हंगामा बढ़ने के बाद मीना बिष्ट बिना माफी मांगे ही सदन छोड़कर चली गईं। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद राजेश परमार ने सदन में माफी मांगी। परमार मोहब्बेवाला के पार्षद हैं।

जमीनों पर अवैध कब्जे व अतिक्रमण का मामला भी गरमाया

वहीं सवा चार माह बाद सोमवार यानी आज हो रही नगर निगम बोर्ड की बैठक को लेकर भाजपाई और कांग्रेसी पार्षदों ने अपने-अपने मुद्दों पर कमर कसी हुई है। बैठक में सफाई व्यवस्था व स्ट्रीट लाइट का मुद्दा तो छाया रहेगा ही, पिछले घोटालों में कोई कार्रवाई न होने को लेकर भी हंगामे के आसार हैं। जमीनों पर अवैध कब्जे व अतिक्रमण का मामला भी गरमा रखा है।

कुछ अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर पार्षद नाराज

सूत्रों ने बताया कि कुछ अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर भी पार्षद खासे नाराज हैं। आरोप है कि निगम अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और खराब लहजे में जवाब देते हैं। ऐसे में महापौर के सामने कांग्रेस के ही नहीं बल्कि अपने पार्षदों को संभालना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। बोर्ड बैठक में बजट को लेकर भी चर्चा होनी है और पिछले कार्यों पर हुए खर्च और टेंडरों को लेकर भी।

स्ट्रीट लाइट व सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे बैठक में छाए रहने के प्रबल आसार हैं। विकास कार्यों व अधिकारियों की उदासीनता पर कांग्रेसी ही नहीं भाजपाई पार्षद भी नाराज हैं। महापौर ने बताया कि बैठक को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है। एजेंडा भी वितरित कर दिया गया है। विधायक बोर्ड के पदेन सदस्य भी होते हैं, इसलिए सभी को बैठक के निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं।

कांग्रेस पहले कर चुकी है बैठक

बोर्ड बैठक को लेकर कांग्रेस, भाजपा से ज्यादा तैयार नजर आ रही है। यही वजह है कि कांग्रेस दो दिन पहले ही पार्षदों के साथ बैठक कर रणनीति बना चुकी है। इस दौरान महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेसी पार्षदों से बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर विचार विमर्श हो चुका है।

बैठक में गृहकर में बढ़ोत्तरी, मलिन बस्तियों के नियमितीकरण व विकास कार्य ठप होने के मामले मुख्य रूप से उठाए जाएंगे। वहीं, इस बार भाजपा संगठन ने पार्षदों की बैठक नहीं की जबकि हर बार बोर्ड बैठक से पहले संगठन पार्षदों को अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ाता था।

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