डॉयचे बान इंटरनेशनल ऑपरेशंस की सब्सिडियरी डीबी आरआरटीएस ऑपरेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने वुर्थ इंडस्ट्रियल सर्विसेज इंडिया के साथ साझेदारी की है। इसका मकसद नमो भारत कॉरिडोर देश का पहला सेमी-हाई स्पीड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के डिपो-स्तरीय मेंटेनेंस को और बेहतर और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है।
इस प्रोजेक्ट को नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन बना रहा है। इस साझेदारी के तहत कई आधुनिक और ग्रीन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन अपनाए जाएंगे, जिनसे कचरा कम होगा, सप्लाई चेन बेहतर चलेगी और वर्कप्लेस सेफ्टी बढ़ेगी।
देश का पहला रेल ऑपरेटर जो…
खास बात यह है कि दुहाई डिपो में वुर्थ का एरोसोल रिफिल सिस्टम लगाया गया है, जिससे डीबी आरआरटीएस भारत का पहला रेल ऑपरेटर बन गया है, जो यह तकनीक इस्तेमाल कर रहा है। यह सिस्टम खतरनाक कचरे और पैकेजिंग सामग्री को कम करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, वुर्थ डीबी आरआरटीएस को ऑटोमेटेड इन्वेंट्री मैनेजमेंट टूल्स, जैसे स्मार्ट स्टोरेज सॉल्यूशंस और बेहतर सप्लाई चेन कोऑर्डिनेशन सिस्टम भी देगा। लॉन्च इवेंट में वुर्थ का “सिस्टम बस” भी दिखाया गया, जिसमें ऑन-साइट प्रोडक्ट डेमो दिए गए।
भविष्य को स्मार्ट बनाने का प्रयास
कार्यक्रम में डॉयचे बान ईसीओ ग्रुप और डीबी इंटरनेशनल ऑपरेशंस के सीईओ, निको वार्बानोफ़ ने कहा कि यह सहयोग सिर्फ उपकरणों तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य के लिए तैयार, स्मार्ट और सतत सिस्टम बनाने का प्रयास है। यह जर्मन इंजीनियरिंग और भारत के ‘मेक इन इंडिया’ व स्थिरता लक्ष्यों का मेल है।
कॉरिडोर को हरित बनाएगी साझेदारी
इवेंट में वुर्थ इंडिया के एमडी राहुल गुप्ता, डीबी आरआरटीएस के सीईओ प्रवीन गोयल, सीओओ माइकल कॉर्टम, सीएमओ अनिल कुमार अग्रवाल समेत दोनों कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह साझेदारी नमो भारत कॉरिडोर को तेज़, हरित और अधिक कुशल परिवहन समाधान का नया मानक बनाने में मदद करेगी।