नई दिल्ली : आरबीआई की नई अधिसूचना के मुताबिक, पैन कार्ड या फॉर्म 60 (अगर पैन नहीं है तो) जमा किए बगैर इन खातों से पैसे नहीं निकाले जा सकते और न ही ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

कुछ बैकों में केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) के सख्त दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था। इसके बाद यह नोटफिकेशन जारी किया गया।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को केवाईसी का सख्ती से पालन कराना चाहिए। यह नियम उन दोनों तरह के खातों पर लागू होंगे- जिनमें 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा का बैलेंस हो, जिनमें 9 नवंबर 2016 के बाद कुल जमा रकम (इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे माध्यमों से भी जमा मिलाकर) 2 लाख रुपये से ज्यादा हो।
आरबीआई ने आगे कहा है कि अगर कोई अकाउंट निर्धारित सीमा से ज्यादा रकम जमा/बैलेंस होने की वजह से स्मॉल अकाउंट की श्रेणी के लिए अयोग्य हो जाता है तो उनसे विदड्रॉल की सीमा स्मॉल अकाउंट से विदड्रॉल के नियमों के मुताबिक होगी। स्मॉल अकाउंट से एक महीने में 10 हजार रुपये ही निकालने की इजाजत होती है। इतना ही नहीं, स्मॉल अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में कुल जमा की गई रकम एक लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती।
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आरबीआई ने कहा कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंटस (जन धन अकाउंट की तरह ही होते हैं) के लिए केवाईसी की जरूरत नहीं होती। ऐसे अकाउंट स्मॉल अकाउंट की तरह माने जाते हैं। गौरतलब है कि सरकार ने 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य कर दिया है।
आरबीआई ने बैंकों से डॉर्मैंट अकाउंट्स में पैसे जमा करते वक्त नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। ऐसी शिकायतें मिली थी कि नोटबंदी के बाद कुछ लोगों ने जन धन और डॉर्मैंट अकाउंट का दुरुपयोग कर उसमें ब्लैक मनी जमा किया है।
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