PAK के दावे की पोल खोलती है हाफिज सईद की रिहाई: डोनाल्ड ट्रंप
भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चली तनातनी का अंत 28 अगस्त को तब हुआ था जब चीनी सेना ने पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाले इलाके के पास तीन ने अपना निर्माण कार्य रोक दिया था।
वहीं भूटान भी दोलकम इलाके को अपना हिस्सा बताता है। चीनी सेना द्वारा बनाई जा रही सड़क का भारत ने यह कहकर विरोध किया था कि यह उसकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पूर्व में भारत और चीन दोनों सर्दियों के मौसम में इन अग्रिम क्षेत्रों से अपनी सेनाएं हटा लेते थे क्योंकि वहा मौसम प्रतिकूल होता है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कोल वु कियान ने कहा कि डोकलाम चीनी क्षेत्र है। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धांतों के आधार पर हम अपनी टुकड़ी तैनात करने के संबंध में निर्णय लेंगे।
डोकलाम के पास यातुंग में चीनी सेना की लगातार उपस्थिति से भारत को भी वहां अपनी उपस्थिति बनाए रखनी पड़ेगी। वहीं यह साफ नहीं हो सका है कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच डब्ल्यूएमसीसी 10वें स्तर की वार्ता में बातचीत का क्या नतीजा निकला है। डोकलाम तनातनी के बाद भारत और चीन के बीच हुई यह पहली वार्ता थी।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि दोनों सेना मुख्यालयों के बीच हॉटलाइन नहीं हो सकता है क्योंकि हालिया सुधारों के बाद चीन के पास केंद्रीय सैन्य कार्यालय नहीं बचा है।
वहीं वु ने जानकारी देते हुए कहा कि डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में दोनों देशों ने शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ सीमा आदान-प्रदान पर चर्चा की थी।