इसे आंध्र प्रदेश में राजनीतिक परिस्थितियों और अन्य मजबूरियों का तकाजा कहें कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एवं मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने फ़िलहाल राजग के साथ बने रहने का फैसला किया है. नायडू की संकट की घड़ी में राजनीतिक समझदारी दिखाने की अपनी मज़बूरी है.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों एनडीए से नाराज चल रही तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सारे संबंध तोड़ने का मन बना लिया था. नायडू के यहां कल बुलाई गई पार्टी की एक बैठक में पार्टी के लगभग सारे नेता एनडीए से संबंध तोड़ने के पक्ष में थे , लेकिन नायडू ने नेताओं को कहा कि यह वक्त गठबंधन तोड़ने के लिए उपयुक्त नहीं है.इस बारे में टीडीपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री वाई सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि आंध्र प्रदेश और केंद्र में बीजेपी के साथ इसका गठजोड़ बहुत जीवंत है. हालाँकि एक सांसद ने कहा, कि राज्य के प्रति केंद्र के बर्ताव से मुख्यमंत्री निराश जरूर हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में उन्होंने राजनीतिक समझदारी दिखाई है.
बता दें कि टीडीपी का राजग के साथ बने रहने की कई मजबूरियां हैं.एक ओर वाईएसआर कांग्रेस बीजेपी के नजदीक पहुंचने की कोशिश में है. ऐसे में टीडीपी ने यह महसूस किया कि इस समय कोई सख्त रूख अपनाने से इस दक्षिणी राज्य के हितों को ऐसे वक्त में नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि ह राजधानी नगर अमरावती, पोलावरम जैसी बड़ी परियोजनाओं को साकार करने के लिए केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर है. कोई कठोर फैसला ले लेने से राज्य का नुकसान हो जाएगा.यही सोचकर फ़िलहाल टीडीपी ने राजग में ही बने रहने का निर्णय लिया है.
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