जीएसटी प्रणाली के लागू होने पर निर्यातकों को ई-करेंसी की सुविधा मिल सकती है। ई-करेंसी की सुविधा मिलने से निर्यातकों की नकदी नहीं फंसेगी और उनकी लागत में इजाफा नहीं होगा।
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यह भी पढ़े: BSP: नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बनाई नई पार्टी,और परिवार को बताया मायावती से जान का खतराजीएसटी लागू होने के बाद निर्यातकों को भी कच्चे माल की खरीदारी पर जीएसटी देना होगा, हालांकि वह रिफंड हो जाएगा। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के मुताबिक रिफंड में 60 दिनों का समय लग सकता है और तब तक के लिए निर्यातकों की नकदी फंसी रहेगी। फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता के मुताबिक ऐसे में निर्यातकों की लागत बढ़ने से उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता कम होगी।
हालांकि फियो निर्यातकों को टैक्स देने से बचाने के लिए वित्त मंत्रालय के संपर्क में है। फियो के सीईओ व महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि सरकार की तरफ से निर्यातकों को ई-करेंसी की सुविधा दी जा सकती है।
जीएसटी के तहत निर्यातक कर चुकाने के लिए ई-करेंसी का इस्तेमाल हो सकेगा और निर्यातकों को अपनी तरफ से नकदी नहीं देनी पड़ेगी। फियो जीएसटी काउंसिल के समक्ष भी इस मसले को उठाने जा रहा है।
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