रामनवमी के बाद हनुमान जयंती मनाने का मौका आ गया है, लेकिन बिहार में नवमी के पहले ही नफरत की जो चिंगारी फैली थी, उसकी लपटें अब भी आसमान छूती जा रही हैं. दंगाईयों की जो हुड़दंग भागलपुर से होते हुए सीवान, औरंगाबाद, समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा और शेखपुरा पहुंच गई थी, उसने अब नवादा की तरफ कूच कर लिया है. यहां के देवी स्थान इलाके में आधी रात को आगजनी की गई.
बताया जा रहा है कि ताजा मामले में देर रात दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसके बाद इलाके में इंटरनेट सेवाएं बैन कर दी गई हैं. साथ ही पुलिस बल की तैनाती भी बढ़ा दी गई है.
यहां तीन दुकानें और एक घर में आगे लगाए जाने की खबर है. पीड़ितों का दावा है कि 4-5 नौजवानों ने दुकानों और मकानों में आग लगाई और शरीफ कॉलोनी की तरफ भाग गए. इस मसले पर जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि पुलिस आरोपियों का पता लगाने में जुटी है. उन्होंने बताया कि अब तक किसी आरोपी को नहीं पकड़ा जा सका है.
दरअसल, टाउन पुलिस थाना क्षेत्र के गोदापुर गांव में एक मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की खबर के बाद दो समुदाय के लोगों में संघर्ष हुआ. जमकर पत्थरबाजी हुई और उत्पात मचाया गया. उत्पाती भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर तांडव मचाया, वाहनों पर पत्थरबाजी की और कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए. भीड़ ने एक होटल में भी आग लगा दी.
पुलिस ने की फायरिंग
हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि पुलिस को फायरिंग का इस्तेमाल करना पड़ा. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में 10 राउंड गोलियां चलाईं. भीड़ ने कथित रूप से कुछ स्थानीय पत्रकारों के साथ मारपीट भी की, जो घटना को कवर करने के लिए वहां पहुंचे थे.
इस हिंसा में अब तक 2 एफआईआर दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर हुड़दंगियों की पहचान कर ली गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
नवादा बिहार के मुखिया और सुशासन बाबू कहे जाने वाले नीतीश कुमार के सरकारी आवास यानी पटना से करीब 70 किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां भी तांडव मचा हुआ है. इससे पहले 17 मार्च को भागलपुर में बीजेपी नेताओं और हिंदूवादी संगठनों द्वारा बिना इजाजत जुलूस निकाला, जिसने हिंसा का रूप ले लिया.
इस घटना में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शास्वत का नाम आया. यहां पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
इसके बाद सीवान में रामनवमी के जुलूस को लेकर दो समुदाय भिड़ गए. फिर औरंगाबाद में नवमी का जुलूस पत्थरबाजी का सबब बना. इसके बाद समस्तीपुर में झड़प के दौरान एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया. फिर मुंगेर और शेखपुरा में धार्मिक भावनाएं आहत होने पर भीड़ भिड़ गई.
अब नवादा हिंसा की शिकार सोच की चपेट में है. यानी सूबे के 38 राज्यों में 7 में पिछले 15 दिनों से हिंसा की आग फैली हुई है और राज्य सरकार असहाय नजर आ रही है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features