विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छिनने के बाद पंजाब पुलिस ने सुखपाल सिंह खैहरा से सुरक्षा वापस लेने की कवायद शुरू कर दी है। नेता प्रतिपक्ष को सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री के रैंक के बराबर आवास व सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।
खैहरा की सुरक्षा में पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद 18 जवानों की टीम तैनात की थी। अब उनसे 16 जवान वापस ले लिए जाएंगे। उन्हें केवल 4 जवानों की सुरक्षा प्रदान किए जाने को लेकर संबंधित विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस इस मामले में संवैधानिक रूप से स्पीकर के पास पार्टी की तरफ से सूचना आने का इंतजार कर रही थी।
खैहरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाकर हरपाल सिंह चीमा को उस पद पर बैठाने की सूचना पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने 26 जुलाई को ट्वीट करके दी थी। करीब चार बजे सिसोदिया ने इस संबंध में ट्वीट किया था। उसके बाद सभी को पार्टी के इस फैसले के बारे में पता चला था। उससे पहले ही पार्टी ने राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल के लेटरहेड पर इस संबंध में स्पीकर के दफ्तर में लिखित सूचना दी जा चुकी थी।
स्पीकर के दफ्तर में केजरीवाल का पत्र 26 जुलाई को चार बजे तक पहुंचा दिया गया था। उसके बाद पार्टी ने खैहरा के समर्थक विधायकों को फोन करके चीमा को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने संबंधी सूचना देकर उनकी राय ली थी।
पुलिस को लगा कि पार्टी की तरफ से स्पीकर को इसकी सूचना नहीं दी गई थी। पंजाब पुलिस ने स्पीकर के दफ्तर से इस बाबत जानकारी लेने के बाद अपनी विभागीय कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि जल्द ही इस बारे में खैहरा को सूचना दे दी जाएगी।
अभी पंजाब पुलिस की दो एस्कॉर्ट जिप्सियों से लैस 18 जवानों की टीम उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है। उम्मीद है कि दो अगस्त की कन्वेंशन से पहले या तत्काल बाद ही पुलिस हरपाल चीमा को उक्त सुरक्षा प्रदान करके खैहरा की सुरक्षा केवल 4 जवानों के हवाले कर देगी।