नई दिल्ली। नोट बैन के बाद इससे जुड़ी जानकारियां कई बार पूछे जाने के बाद भी न बताने पर केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने केंद्र सरकार के उपक्रम को आड़े हाथों लिया है।
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नोटबंदी पर पहली बार टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रासंगिक तथ्यों और कारणों की जानकारी देना हर विभाग का कर्तव्य है। यदि कोई विभाग ऐसा नहीं करता है तो सूचना को रोके रखने से अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में शंकाएं पैदा होंगी।
आचार्यलु का बयान ऐसे समय में महत्व रखता है जब प्रधानमंत्री कार्यालय, रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय नोटबंदी के पीछे के कारणों संबंधी जानकारी मांगने वाली सभी आरटीआई याचिकाओं को हाल में खारिज कर चुके हैं।
उन्होंने 2015 में बनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बाहुबली’ का जिक्र किया। कहा कि कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक देश में नोटबंदी जैसे सार्वजनिक मामले के चारों ओर लोहे के किले बनाने के नजरिये को स्वीकारना बहुत मुश्किल है जिन्हें ‘बाहुबली’ भी नहीं तोड़ पाए।
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