उस सामान में एक अकाउंट बुक थी जिसमें माओवादी अपने खर्चों का हिसाब-किताब रखते थे। उन बीस 20 पन्नों में लिखा है कि नोटबंदी के दौरान उन लोगों ने दो लाख के पुराने 500-1000 के नोट जमा किए थे। पन्नों में माओवादियों ने उनके द्वारा किए गए कुछ खर्चों का भी जिक्र किया है।
डीएम अवस्थी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नोटबंदी से माओवादियों में हड़कंप मच गया था और वह उस दौरान काफी एक्टिव थे। इसी दौरान उन्होंने लोगों को डरा-धमकाकर किसी तरह दो लाख रुपए जमा करवा लिए थे। डीएम अवस्थी ने आगे बताया कि मारे गए माओवादियों के पास बहुत सारा कैश ऐसा था जिसे वे बदल नहीं पाए थे।