गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही पंजाब सरकार शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं बांट सकी। चंडीगढ़ स्थित पंजाब सचिवालय समेत सभी जिलों में विभागों के कैश क्लर्कों को खजाना आफिस से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। उन्हें बताया गया कि राज्य के वित्त विभाग ने अभी वेतन जारी करने से रोक दिया है।
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सीएमओ के अनुसार, राज्य सरकार के लिए सितंबर और अक्तूबर माह आर्थिक दृष्टि से काफी संकट भरे हैं क्योंकि इन महीनों में राज्य सरकार को कर्जों के एवज में ब्याज की भारी भरकम रकम चुकानी है। पता चला है कि राज्य सरकार को इस महीने ब्याज के तौर पर 2600 करोड़ रुपये अदा करने हैं, जबकि सरकार के खजाने में उतना पैसा नहीं है। फिलहाल राज्य सरकार विभागों के अलग-अलग तरह के बिलों का भुगतान स्थगित कर खजाने में पैसा रोक रही थी, लेकिन अब कर्मचारियों का वेतन रोकने की नौबत आ गई है।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार अगले हफ्ते कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर देगी। हालांकि, इससे पहले उसे ब्याज राशि समेत अन्य आवश्यक मदों के लिए पैसे की व्यवस्था भी करनी है।
उधर, गुरदासपुर जिले में वित्त विभाग ने एक पत्र जारी कर कर्मचारियों का बकाया अदा करने से खजाना अफसरों को रोक दिया था और शुक्रवार को 1 सितंबर को अगस्त माह के वेतन के भुगतान पर रोक लगा दी गई। जिला खजाना अधिकारी हरबंस सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ से मिले निर्देशों के अनुसार खजाना कार्यालयों में सभी टीओज को वेतन जारी करने पर पाबंदी लगाई गई है।
जैसे ही उन्हें अगले आदेश आएंगे, वेतन राशि जारी कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए बीते सात वर्षों से बंद 4-9-14 की स्कीम को इस साल फिर से शुरू किया गया है। सरकार ने इस स्कीम के लाभ कर्मचारियों को दिखा दिए लेकिन उनका बीते वर्षों का एरियर जारी करने पर रोक लगा दी है।
इन विभाग के अटके वेतन
गुरदासपुर जिले के कादियां व उसके आसपास के क्षेत्रों, जिनमें सरकारी अस्पताल, शिक्षण विभाग, चाइल्ड डेवलपमेंट, पंचायत कार्यालय, ब्लाक डेवलपमेंट पंचायत कार्यालय, वेटरिनरी अस्पताल, वन विभाग के कर्मचारियों सहित कई विभाग ऐसे हैं, जिनके कर्मचारियों को शुक्रवार को वेतन नहीं मिल सका।
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