भले ही जम्मू -कश्मीर में राज्यपाल का शासन लग गया हो लेकिन महबूबा मुफ्ती सरकार के दौरान पत्थरबाजों को माफी देने के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा . यह जानकारी गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी .
बता दें कि गृह मंत्रालय के इस अधिकारी ने बताया कि महबूबा मुफ्ती की सरकार के दौरान आम जनता के बीच सही संदेश देने के लिए कई फैसले लिए गए। इनमें पत्थरबाजों को माफी देने का फैसला भी शामिल है.इन फैसलों को अब वापस लेना न तो सम्भव है और न उचित है . राज्यपाल शासन लगने के बाद भी आम जनता के बीच पहुंच बनाने के प्रयास जारी रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि केंद्र की ओर से नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा अब भी विभिन्न वर्गो से मुलाकात कर बातचीत से समस्या से समाधान खोज रहे हैं. ऐसे में पत्थरबाजों के खिलाफ वापस लिए मामलों को दोबारा शुरू नहीं किया जाएगा ,लेकिन वैसे फैसले वापस हो सकते हैं सेना के मनोबल को तोड़ते हैं.इनमें मेजर गोगोई के खिलाफ एफआईआर का मामला शामिल हैं.राज्यपाल शासन में सिर्फ आतंकियों से निपटने के तरीके में अंतर आ जाएगा और सुरक्षा बलों को उनके खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट होगी.
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