पशुओं के रखने का स्थान मिलने से अब दर-बदर नहीं भटकना पड़ेगा, बन रहे पशु आश्रय स्थल

 गगहा ब्लॉक के ग्राम पंचायत जीवकर के करनराय टोला निवासी रमावती को अपने तीन पशुओं को रखने को लेकर काफी परेशानी हो रही थी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिले कैटल शेड (पशु आश्रय स्थल) ने उनकी समस्या दूर कर दी है। उन्होंने बताया कि पशुओं के रखने का स्थान मिलने से अब दर-बदर नहीं भटकना पड़ेगा।

इस ग्राम पंचायत में रमावती की तरह ही चंद्रदेव, धनवा देवी व श्रीपाल को भी कैटल शेड मिला है। शेड में आकर्षक चित्रकारी भी कराई गई है। जिले के अन्य गांवों में भी कैटल शेड का निर्माण हो रहा है। जीवकर पहला गांव है, जहां निर्माण पूरा हो चुका है।

बनेंगे तीन हजार कैटल शेड

जिले में करीब 3000 कैटल शेड बनाए जाने हैं। निर्माण का खर्च मनरेगा के तहत वहन किया जा रहा है। 700 पर निर्माण चल रहा है। अलग-अलग गांवों में अलग तरह के शेड बनाए जा रहे हैं। दो नाद, चार नाद, छह नाद व 10 नाद के शेड का निर्माण किया जा रहा है। एक शेड की औसत लागत करीब 70 हजार रुपये है। सरकार की तरफ से मिलने वाली इस राशि से पशु पालक काफी प्रसन्‍न हैं। उनका कहना है कि व्‍यवस्‍था न होने के कारण पशु को छोड़ देते रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

पहले भी पुरस्कृत हो चुका है जीवकर गांव

गगहा ब्लॉक का जीवकर गांव अच्‍छे कार्य के कारण पहले भी पुरस्कृत हो चुका है। 2014 व 2016 में राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार मिल चुका है। ग्राम प्रधान सरितेश मिश्र ने बताया कि ग्राम पंचायत की आबादी लगभग दो हजार है। पर, अपेक्षित बजट न मिलने से कई मूलभूत सुविधाओं की गांव को दरकार है।

सात सौ कैटल शेड का निर्माण प्रगति पर

मनरेगा के जिला समन्‍वयक उमेश तिवारी का कहना है कि मनरेगा से जिले में करीब 3000 कैटल शेड का निर्माण कराया जाना है। इसमें से करीब 700 का कार्य प्रगति पर है। इसके बन जाने से लाभार्थियों को काफी राहत मिलेगी।

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