पाकिस्तान की छह सदस्यीय टीम भुवनेश्वर में छह से नौ जुलाई के बीच होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेगी। भारत सरकार ने उन्हें वीजा दे दिया जिसका भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने स्वागत किया है। एएफआई सचिव सीके वालसन ने कहा कि पाकिस्तानी एथलीटों को वीजा मिल गया है और उनके अगले दो तीन दिन में भुवनेश्वर पहुंचने की उम्मीद है।
वालसन ने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि पाकिस्तानी एथलीटों को वीजा मिल गया है। यह हमारे लिये राहत की बात है। हम चाहते थे कि वे चैंपियनशिप में हिस्सा लें। पाकिस्तानी एथलीटों का इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने पर संदेह के बादल मंडरा रहे थे क्योंकि उन्हें वीजा नहीं मिला था और पिछले सप्ताह एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला भी उनकी भागीदारी की पुष्टि नहीं कर पाये थे।
दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण पाकिस्तान इस साल यहां एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप और चेन्नई में एशियाई स्नूकर चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाया था क्योंकि उन्हें वीजा नहीं मिला था। पिछले साल पाकिस्तानी हाकी टीम को लखनऊ में जूनियर विश्व कप में भाग लेने के लिये वीजा नहीं दिया गया था। भारत ने इसके साथ ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला खेलने से इन्कार कर दिया।
पाकिस्तानी एथलीटों ने 2013 में पुणे में हुई एशियाई चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था। पाकिस्तान से मिली रिपोर्ट के अनुसार भारत ने छह एथलीटों और दो अधिकारियों को वीजा दिया है लेकिन एक एथलीट और पाकिस्तान एथलेटिक्स महासंघ (एएफपी) के एक शीर्ष अधिकारी को वीजा देने से इन्कार कर दिया। पाकिस्तानी टीम तीन जुलाई को वाा बार्डर से अमतसर पहुंचेगी और फिर विमान से भुवनेश्वर पहुंचेगी।
जिन खिलाडि़यों को वीजा मिला है उनमें भाला फेंक के एथलीट अरशद नदीम, 400 मीटर बाधा दौड़ के धावक महबूब अली, उनके भाई नोकार हुसैन, असद इकबाल, मजहर और वकार यूनिस शामिल हैं। सैयद फयाज हुसैन और मोहम्मद बिलाल दो कोच हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एथलीट निशात और एएफपी सचिव मोहम्मद जफर को वीजा नहीं दिया गया है। जफर को एशियाई एथलेटिक्स संघ (एएए) की बैठक में हिस्सा लेना था। उनकी जगह अब एएफपी के अध्यक्ष अकरम साही चार और पांच जुलाई को होनेवाली एएए परिषद की बैठक और कांग्रेस में भाग लेंगे।