केंद्र ने किसानों के गन्ना मूल्य बकाया के भुगतान के लिए विभिन्न चीनी मिलों को पिछले पांच सालों में विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 15,948 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद को बताया कि चीनी (कच्ची, परिष्कृत और सफेद चीनी) के निर्यात को फिलहाल प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। 2022-23 में चीनी निर्यात 63 लाख टन रहा था। हालांकि चालू वित्त वर्ष में कोई खेप विदेश नहीं भेजी गई।
पटेल ने कहा, ”अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान, आस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 2022 की इसी अवधि की तुलना में 13.78 प्रतिशत बढ़ गया है, जबकि आस्ट्रेलिया से आयात में 16.93 प्रतिशत की गिरावट आई है।” गेहूं निर्यात के सवाल पर मंत्री ने कहा कि अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान भारत ने यूएई, नेपाल, इराक को गेहूं निर्यात किया। इस अवधि में कुल निर्यात 96,447 टन था। सामान्य तौर पर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है और सरकार केवल सरकारी आधार पर ही निर्यात की अनुमति देती है।
उर्वरक सब्सिडी के तौर पर 1.71 लाख करोड़ दिए
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक उर्वरक सब्सिडी के तौर पर लगभग 1.71 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। रसायन और उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में कहा कि सरकार किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान करती है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग की कीमत 242 रुपये (नीम कोटिंग के शुल्क और लागू करों को छोड़कर) है।
खुबा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी 2018-19 में 73,435.21 करोड़ रुपये, 2019-20 में 83,466.51 करोड़ रुपये, 2020-21 में 131229.50 करोड़ रुपये, 2021-22 में 1,57,640.63 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2,54,798.88 करोड़ रुपये रही है। उधर, सरकार ने संसद में यह भी बताया कि अगस्त, 2021 से जनवरी 2024 के दौरान नैनो लिक्विड यूरिया की लगभग 7.33 करोड़ बोतलें (प्रत्येक 500 मिलीलीटर) घरेलू बाजार में बेची गईं।
80 प्रतिशत से अधिक प्रस्तावों को पर्यावरणीय मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान देश के पर्यावरणीय और संवेदनशील क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक प्रस्तावों को पर्यावरणीय मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (एससीएनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति ने पिछले पांच वर्षों में कुल 689 प्रस्तावों की सिफारिश की है।