पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बिहार की नई एनडीए सरकार में शामिल नहीं होने के बाद से माना जा रहा था कि उन्हें संगठन और सरकार में भी कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। सीएम नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा भी था कि मैं सुशील जी को मिस करुंगा। अब सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा को विधान भवन में ठिकाना मुहैया करा दिया है।

अहम है दोनों समितियां
विधान परिषद के दोनों वरिष्ठ सदस्यों को अलग अलग समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को आचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं पूर्व मंत्री संजय झा को याचिका समिति की जिम्मेदारी दी गई है। विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दोनों समितियां विधान परिषद की स्थाई है और महत्वपूर्ण समितियां है।
विधान सभा सत्र के दौरान विधानमंडल के किसी सदस्य या अधिकारियों के खिलाफ भी काम में किसी प्रकार की लापरवाही या व्यवहार की शिकायत पर आचार समिति के अध्यक्ष पर कार्रवाई की जिम्मेदारी होती है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बिहार विधान परिषद की आचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की।
नीतीश भी बनाए गए थे अध्यक्ष
बता दें कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आचार समिति के अध्यक्ष नीतीश कुमार बनाए गए थे। इससे पहले आचार समिति के अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री पीके शाही और विधान परिषद के पूर्व वरिष्ठ सदस्य रामबचन राय रह चुके हैं। अवधेश नारायण सिंह के इस पहल से दोनों वरिष्ठ नेताओं को विधान भवन में अस्थाई रूप से बैठने का ठिकाना मिल गया है।
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