कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के वायु प्रदूषण और पंजाब में पराली मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की पूरी पोल खोलने के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली को गैस चैंबर बनाने के लिए माफी मागनी चाहिए। उन्होंने पिछले 8 सालों में ताजी हवा में सांस लेने का हमारा हक छीना है।
देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। ऐसे में दिल्लीवासियों की सांसों पर संकट बरकरार है। दिवाली से पहले राहत मिलती हुई भी नहीं दिख रही है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भी पूरे देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाने के साथ ही दिल्ली सरकार को भी तमाम निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार और निर्देशों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा है। भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश केजरीवाल के चेहरे पर तमाचे की तरह है। दिल्ली को गैस चैंबर में बदलने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के वायु प्रदूषण और पंजाब में पराली मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की पूरी पोल खोलने के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली को गैस चैंबर बनाने के लिए माफी मागनी चाहिए। उन्होंने पिछले 8 सालों में ताजी हवा में सांस लेने का हमारा हक छीना है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर करके आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए दिवाली और अन्य राज्यों को दोषी ठहराया था।
अदालत ने पंजाब सरकार से कहा, ‘हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करेंगे। प्रदूषण को रोकना आपका काम है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने राजस्थान और अन्य राज्यों को त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों से संबंधित मुद्दे पर अपने पहले के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया।एक स्मॉग टॉवर काम नहीं कर रहा
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने आया कि एक स्मॉग टॉवर काम नहीं कर रहा है। अदालत ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इसकी मरम्मत की जाए। इसके साथ ही, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को पराली जलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए वाहनों के लिए ऑड-ईवन जैसी योजनाएं महज दिखावा हैं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली को साल-दर-साल ऐसे ही नहीं चलाया जा सकता।