#बड़ी खबर: आज सुप्रीम कोर्ट आधार की अनिवार्यता को लेकर लेंगी ये अहम फैसला….
आरोपी की सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट व साइकोलॉजिकल रिपोर्ट से उनका भविष्य तय होना है। बहस से पहले इस रिपोर्ट की कॉपी सभी पक्षों को पढ़ने के लिए बोर्ड रूम में उपलब्ध कराई जाएगी। इस रिपोर्ट को पढ़ने के तुरंत बाद ही बहस होगी। बोर्ड रूम छोड़ने से पहले ही इस रिपोर्ट को वापस बोर्ड में जमा करवा लिया जाएगा। शुक्रवार को ही आरोपी की जमानत याचिका पर भी बहस होनी है। सीबीआई द्वारा इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करना है। जिसके बाद इस पर भी बहस होगी।
बता दें कि 8 सितंबर को हुए प्रद्युम्न हत्याकांड में सीबीआई ने 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लिया था। आरोपी को बोर्ड के समक्ष पेश कर बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज दिया गया। इसके बाद से बोर्ड में प्रद्युम्न के पिता द्वारा आरोपी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी कि उसने संगीन अपराध को अंजाम दिया है इसलिए उस पर नाबालिग की तरह मुकदमा न चलाया जाए।
इस याचिका का आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने विरोध किया था और बोर्ड से आग्रह किया था कि उस पर नाबालिग की तरह ही मुकदमा चलाया जाए, लेकिन बोर्ड ने आरोपी के अधिवक्ता के आग्रह को खारिज कर दिया था। इस मामले में बोर्ड ने आरोपी की सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार करवाई थी। इसके साथ ही उसकी साइकोलॉजिकल रिपोर्ट भी तैयार करवाई गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही छात्र के भविष्य का फैसला होगा।
राम कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता- बोर्ड ने सोशल इन्वेस्टिगेशन व साइकोलॉजिकल रिपोर्ट तैयार करवाई है। इस रिपोर्ट में छात्र की दिमागी स्थिति भांपी गई है। यदि छात्र पर नाबालिग की तरह मुकदमा चलाया जाता है तो उसे काफी राहत मिलेगी। आरोपी साबित होने पर जुवेनाइल एक्ट में अधिकतम 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है। जुवेनाइल को जमानत भी आसानी से मिल जाती है।