निम्न आय वर्ग वाले लोगों का अपना घर होने का सपना जल्द ही साकार होगा। सरकार बदलते ही सूबे में प्रधानमंत्री आवास योजना को रफ्तार देने की कवायद शुरू कर दी गई है। 
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में जहां 5.40 लाख मकान बनाने का लक्ष्य तय किया है, वहीं मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली ‘स्टेट लेवल सैंक्शन एंड मॉनिटरिंग कमेटी’ (एसएलएसएमसी) ने 30 हजार मकान बनाने की डीपीआर को मंजूरी भी दे दी है। इसे केंद्र को भेजा जाएगा।
वहां से मंजूरी मिलने के साथ ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र की मोदी सरकार ने इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 2015 में ही की थी, लेकिन सपा सरकार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
ऐसे में इस योजना की शुरुआत यूपी में नहीं हो पाई थी। अलबत्ता केंद्र का दबाव पड़ने पर सपा सरकार ने 2016 में इसे शुरू तो कर दिया, लेकिन एक भी प्रोजेक्ट तैयार नहीं हो पाया था। तत्कालीन राज्य सरकार की मंशा को देखते हुए आवास विभाग और नोडल एजेंसी राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) भी योजना के प्रति उत्सुक नहीं रहे। अब सूबे में सरकार बदली तो राज्य के अधिकारी भी केंद्रीय योजनाओं को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
मात्र 1.46 लाख में मिलेगा गरीबों को मकान
वैसे तो इस योजना का क्रियान्वयन सूबे के 652 नगर निकायों में किया जाना है, लेकिन एसएलएसएमसी की ओर से स्वीकृत 30 हजार मकान बनाने काप्रोजेक्ट फिलहाल 90 छोटे शहरों के लिए तैयार किया गया है। बड़े शहरों के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने का काम जुलाई से शुरू होगा।
सरकार की ओर से तय मानक के मुताबिक ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान की कीमत 3.96 लाख रखी गई है। इसमें से 1.5 लाख रुपये केंद्र सरकार और 1 लाख रुपये राज्य सरकार अनुदान देगी। लाभार्थी को बचे 1.46 लाख रुपये ही देने होंगे।
21 वर्गमीटर कारपेट एरिया में बनने वाले मकान में दो कमरे, किचन व और शौचालय होगा। मकान खुद लाभार्थी को बनवाना होगा। सरकारी एजेंसी सिर्फ अनुदान की राशि व मकान बनाने के लिए जरूरी तकनीकी सलाह मुहैया कराएगी।