छोटे उद्योगों को संस्थागत वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के उदेश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने देशभर में करीब साढ़े पांच करोड़ नए रोजगारों को अवसर सृजित किये हैं। यह जानकारी स्कॉच (एसकेओसीएच) नाम की संस्था की ओर से जारी की गई रिपोर्ट से मिली है। इसका सबसे ज्यादा फायदा औद्योगिक राज्यों को मिला है।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्यों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से सबसे अधिक लाभ हुआ है। यह योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को शुरू किया था। इस योजना का उदेश्य उन लोगों को फंड उपलब्ध कराना था, जो कम बजट होने के कारण अपना बिजनस शुरू नहीं कर पा रहे थे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि योजना के शुरू होने से अबतक आठ करोड़ से अधिक लोगों को 3.42 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। इन लोगों में ज्यादातर छोटे उद्योगपति शामिल हैं। साथ ही इनमें से अधिकांश लोग ऐसे भी हैं, जो अपर्याप्त पूंजी की वजह से अपना बिजनस शुरू नहीं कर पा रहे थे।
मुद्रा योजना के अंतर्गत गैर कृषि गतिविधियों के लिए लगभग 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। इसके अतिरिक्त कृषि से जुड़े डेयरी, पॉल्ट्री, मधुमक्खी पालन जैसे उद्योगों के लिए भी मुद्रा योजना के तहत लोन मिलता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना को लॉन्च करते समय कहा था कि देश को ऐसे उद्योगपतियों की जरूरत है जो अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्योगपतियों को लोन देने की बात कही थी।
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