कोलकाता,  इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने आगामी केंद्रीय बजट 2022 में करीब 14 टैक्स और अकाउंटिंग सुधारों की मांग की है। ICAI के अध्यक्ष निहार एन जंबुसरिया ने कहा कि सुझावों का उद्देश्य अनिवार्य रूप से कानूनों को सरल, निष्पक्ष, पारदर्शी, कम मुकदमेबाजी वाला और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है। CA छात्रों के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर उन्होंने कहा, “हमारी ओर से लगभग 14 सुझाव केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) को विचार के लिए दिए किए गए हैं।”
सुझावों में नुकसान को वापस लेने की अनुमति देना और इसके आवेदन के लिए उपयुक्त विधायी संशोधन पेश करना शामिल है। यह हॉस्पिटैलिटी, पैसेंजर ट्रांसपोर्ट और कुछ अन्य क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक है। बिक्री में मंदी पर मूल्यह्रास के संबंध में ICAI ने कानूनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए आयकर अधिनियम के प्रावधान में संशोधन का सुझाव दिया कि क्या हस्तांतरणकर्ता और अंतरिती कंपनी द्वारा आनुपातिक दिनों के आधार पर मूल्यह्रास का दावा किया जा सकता है।
ICAI ने यह भी प्रस्तावित किया कि अधिनियम की धारा 12 को स्वैच्छिक योगदान के मद्देनजर स्पष्ट करने के लिए संशोधित किया जाए। किसी ट्रस्ट या संस्थान द्वारा प्राप्त संपत्ति का मूल्य इस तरह के योगदान की प्राप्ति की तारीख के अनुसार उचित बाजार मूल्य पर हो।
ICAI ने सुझाव दिया कि डीमर्जर की परिभाषा में स्पिन-ऑफ के रूप में कॉर्पोरेट विनिवेश शामिल होना चाहिए, जिसके तहत एक मूल कंपनी अपने शेयरधारकों को एक सहायक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी हस्तांतरित करती है।
एक फरवरी को आएगा बजट
बता दें कि एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होना है। पूरे देश की नजर मोदी सरकार के इस बजट पर है। बजट में कई क्षेत्रों को लेकर बड़े ऐलान किए जाने की संभावना है। इनमें टैक्स में मिलने वाली छूट को बढ़ाए जाने की संभावना भी शामिल है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features