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बरेली में सात अवैध कॉलोनियों पर चला बीडीए का बुलडोजर, लगातार दूसरे दिन हुई बड़ी कार्रवाई
बरेली में अवैध तरीके से विकसित की जा रही सात कॉलोनियों पर बुधवार को बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) का बुलडोजर चला। निर्माण कार्य ध्वस्त किए गए। उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के तहत यह कार्रवाई की गई।
बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि कैंट क्षेत्र में सीएनजी पंप के पीछे राजेश मौर्य, मुन्ना लाल, नेमचंद्र लाल आदि लगभग 10000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में प्राधिकरण की स्वीकृति के बिना कॉलोनी विकसित करने के लिए सीसी सड़क बनवा रहे थे। टीम ने भूखंडों का चिह्नाकंन किया। ऋषिकांत जायसवाल आदि ने लगभग 6000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में सड़क, नाली का निर्माण कर भूखंडों का चिह्नाकंन करा रहे थे। इसके लिए कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया गया।
प्रदीप 8000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अवैध तरीके से कॉलोनी विकसित करते मिले। सतीश लाला ने 5000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में सड़क, नाली, साइट ऑफिस बनाकर बनाया। प्रदीप तोमर, राजकुमार व उमेश यादव आदि ने लगभग 7000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कॉलोनी के लिए निर्माण/विकास कार्य कराया गया।
सतीश लाला, गौरव श्रीवास्तव ने लगभग 5000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल व सुनील कश्यप आदि ने लगभग 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अवैध तरीके से कालोनी निर्माण/विकास कार्य कराया गया। बीडीए की टीम इन सभी के अवैध कब्जे ध्वस्त कराए हैं।
एक दिन पहले यहां चला था बुलडोजर
31 दिसंबर को बदायूं रोड की पांच अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चला था। यहां राजेश मौर्य, बीहू शर्मा, गजेंद्र पटेल आदि लाल फाटक रोड दूरदर्शन टावर के सामने लगभग 8000 क्षेत्रफल में मानचित्र स्वीकृत कराए बिना कॉलोनी के लिए सड़क बना रहे थे। लाल फाटक रोड पर ही सुलेमान, गजेंद्र पटेल की ओर से करीब सात हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कॉलोनी के लिए स्थल विकास किया जा रहा था। दोनों जगह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
कैंट क्षेत्र में हुई भी कार्रवाई
दोनों कॉलोनियों के निर्माण कार्य ध्वस्त करने के बाद टीम थाना कैंट क्षेत्र में पहुंची। यहां पर लगभग 4000 वर्ग मीटर में अब्दुल, गजेंद्र पटेल ने अवैध तरीके से कॉलोनी के लिए विकास कार्य कराए जा रहे थे।
कैंट क्षेत्र में ही अंकुर पाराशरी ने 20000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल व लक्ष्मी नारायण ने 5000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में स्थल विकास के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा था। सभी कॉलोनियों के स्थल विकास के निर्माण कार्यों को गिरा दिया गया है। निर्माण स्थल को सील किया गया है।