खुफिया एजेंसियां 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की सुरक्षा को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रही हैं। एजेंसियों का दावा है कि इन नोटों में जो सुरक्षा मापदंड अपनाए गए हैं, आने वाले कुछ वक्त तक उनकी नकल करना पाकिस्तान के लिए लगभग नामुमकिन है।
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एक आला सरकारी अधिकारी ने विस्तृत जानकारी न देते हुए हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को इतना बताया कि रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (रॉ), इंटेलिजंस ब्यूरो (आईबी) और डीआरआई ने पिछले छह महीनों से खुफिया रूप से छप रहे नोटों की जांच की है। अधिकारी ने यह बताने से इनकार किया कि नोट पर कितने सुरक्षा फीचर्स मौजूद हैं लेकिन यह जरूर कहा कि इसकी नकल बनाना मुश्किल है।
खुफिया एजेंसियों ने सरकार और रिजर्व बैंक को पहले ही इस बात की जानकारी दी थी कि पाकिस्तान ने पेशावर में एक खास छापाखाना तैयार कर रखा है जहां सिर्फ नकली भारतीय मुद्रा छापी जाती है। इसमें छापे जाने वाले ज्यादातर नोट 500 और 1000 रुपये के मूल्य के होते हैं। यह प्रेस पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की निगरानी में काम करती है। आईएसआई दाऊद इब्राहिम, लश्करे-तैयबा और अन्य अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों, जैसे अपने नेटवर्क के जरिये यह नकली मुद्रा भारत में पहुंचाती है।
रिजर्व बैंक और सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि कुछ साल पहले पाकिस्तानी मशीनरी ने नकली भारतीय नोट छापने में जीरो एरर हासिल कर लिया था।
एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान हर साल 70 करोड़ रुपये के नकली नोट भारत में भेजता है। इस रकम का इस्तेमाल आतंकवाद और देश में अव्यवस्था फैलाने में भी होता है।
गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने कहा कि सरकार पाकिस्तान में नकली नोट छापने की प्रेस को बंद करने की दिशा में भी बढ़ेगी।