नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने कहा कि विवादित बाबरी मस्जिद को तोड़ने की साज़िश के आरोप में 13 भाजपा नेताओं पर केस चलेगा. इसमें भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती शामिल हैं. राजयपाल होने से फ़िलहाल कल्याण सिंह को राहत मिल गई है .यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में रोज़ सुनवाई होगी और इस दौरान किसी जज का स्थानांतर नहीं होगा.
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान जो संकेत दिए थे, उससे लगने लगा था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश रचने के आरोपीगणो पर केस चलाये जाने की संभावनाएं हैं.आखिर वही हुआ.सुप्रीम कोर्ट के जज पीसी घोष और रोहिंटन नरीमन की पीठ ने सीबीआई की अपील पर यह फैसला सुनाया. इस फैसले के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में ये मुकदमें अब एक साथ चलेंगे. साथ ही इस मामले की सुनवाई दिन प्रतिदिन के आधार पर करने का आदेश दिया गया है.खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान किसी भी जज का तबादला नहीं किया जाएगा. अदालत ने कहा कि आडवाणी , जोशी और अन्य के खिलाफ अतिरिक्त आरोप चार हफ्ते में तय किए जाएं.
आपको जानकारी दे दें कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद इमारत को तोड़ने के कथित षड्यंत्र, भडकाऊ भाषण और पत्रकारों पर हमलों के कई मुकदमे वर्षों से लंबित हैं. इस मामले में सीबीआई ने आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ धारा 153ए, 153बी 505 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.इन लोगों पर धारा 120 बी के तहत आपराधिक षडयंत्र का भी आरोप लगाया गया था जिसे सीबीआई की एक विशेष अदालत ने हटा दिया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.