बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दावत में भाजपा के कुछ नेताओं के शामिल होने पर विपक्षी राजग से उनके मेलजोल बढ़ने को लेकर एक बार फिर प्रदेश में राजनीति गरमा गयी है. नीतीश की इस दावत में जहां बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी सहित अन्य भाजपा नेता शामिल हुए, वहीं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार और नंदकिशोर यादव के दूर रहने से इस दावत में शामिल होने को लेकर भाजपा के भीतर दरार सामने आ गयी. बिहार विधानमंडल के बजटीय सत्र के अंतिम दौर में पहुंचने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एक अणेमार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर दोनों सदनों के सदस्यों के लिए सोमवार को रात्रिभोज का आयोजन किया था. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव, उनकी मां और बिहार विधान परिषद में पार्टी विधायक दल की नेता राबड़ी देवी तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के अन्य विधानमंडल सदस्यगण उपस्थित थे लेकिन इस दावत की चर्चा भाजपा सदस्यों में से कुछ के शामिल होने और न होने के कारण हो रही है.
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव, उनकी मां और बिहार विधान परिषद में पार्टी विधायक दल की नेता राबड़ी देवी तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के अन्य विधानमंडल सदस्यगण उपस्थित थे लेकिन इस दावत की चर्चा भाजपा सदस्यों में से कुछ के शामिल होने और न होने के कारण हो रही है.
इस दावत में शामिल होने को लेकर अपनी दलील पेश करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह दावत किसी विशिष्ट दल को नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री ने विधानमंडल के सभी सदस्यों को दी है इसलिए इसको लेकर पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जा सकता. यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि वे जाएं अथवा न जाएं.
बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने स्वयं के मुख्यमंत्री की इस दावत में शामिल नहीं होने का कारण प्रदेश में अपनी समस्याओं के निदान की मांग कर रहे शिक्षकों और होमगार्ड सहित अन्य पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाना बताते हुए कहा कि ऐसे में उनकी आत्मा इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं देती.
वहीं इस दावत में नहीं शामिल हुए भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुजफ्फरपुर में होने के कारण वे इसमें भाग नहीं ले पा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कोसी त्रासदी को लेकर अपनी सरकार द्वारा की गयी आर्थिक सहायता को लेकर अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाने पर उससे नाराज नीतीश ने पटना में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय बैठक के दौरान इस दल के नेताओं को दिए गए भोज को रद्द करते हुए गुजरात सरकार द्वारा बाढ़ पीडितों के लिए भेजी गयी राशि को लौटा दिया था.
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
		
		 
						
					 
						
					