बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों को लेकर इस्तीफा देने की बात कर रहें हों मगर नया मंत्रिमंडल उनके इस फैसले का साथ देता नहीं दिख रहा है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की नई सरकार में तीन चौथाई से अधिक मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह बात है कि नीतीश ने जिन्हें भ्रष्टाचारी कहकर अपना दामन छुड़ा लिया उस महागठबंधन के मंत्रिमंडल में यह संख्या कम थी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान जदयू-भाजपा गठबंधन वाली सरकार में बनाए गए 29 मंत्रियों में से 22 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नई बिहार सरकार में अपराधी नेता
वहीं महा गठबंधन की सरकार में 28 मंत्री थे जिनमें से 19 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। बिहार चुनाव निगरानी और एडीआर ने इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री सहित 29 मंत्रियों द्वारा जमा किए गए हलफनामों के विश्लेषण से तैयार किया है।
इसमें कहा गया है कि जिन 2 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है उनमें से नौ मंत्रियों ने स्वयं यह बात स्वीकार की है कि उनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।
शिक्षा के मामले में जहां नौ मंत्रियों ने घोषित किया है कि उन्होंने कक्षा 8 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई की है वहीं 18 मंत्री स्नातक या उससे उच्च शिक्षाप्राप्त हैं। महिला मंत्रियों की तुलना करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पिछली सरकार के मंत्रालय में महिला मंत्रियों की संख्या दो थी वहीं इस बार एक ही महिला मंत्री हैं।
हालांकि नीतीश कुमार के मंत्रालय में करोड़पति मंत्रियों की संख्या में मामूली कमी देखने को मिली जो कि 22 से 21 हो गई है। वहीं 29 मंत्रियों की औसत संपत्ति 2.46 करोड़ रुपये है।
बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राजद के साथ वाले महा गठबंधन से अलग होकर इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद उन्होंने मुख्य विपक्षी भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली।
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