लखनऊ । कोरोना महामारी के साथ ही बलैक फंगस नाम की बीमारी से लोगों में भय बना हुआ है । लेकिन इस बीमारी को लेकर लोगों को घबराने की ज़रूरत नही बल्कि इसका जल्द ही इलाज करवाये । यह बात डॉ सायमा अज़ीम ने कही ।

शहर के इंदिरा नगर में स्थित शेखर हॉस्पिटल की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ सायमा अज़ीम ने बताया कि मयूकटमाइकोसिस या काला फंगस एक तरह का फफुँद है यह सास के रास्ते पहले आंखों तक फैलता है और फिर यह खून में मिलकर दिमाग मे पहुच कर खतरनाक साबित हो सकता है । बलैक फंगस बीमारी कोविड से पीड़ित उन मरीजों में अधिकतम पाई जाती है जो डाइबिटीज के मरीज है और उनकी इमन्यूटी पावर भी काफी कमजोर होती है । या फिर लंबे समय से कोविड व अन्य बीमारी से पीड़ित होने के बाद स्टीराइड दवा ले रहे हो । इस विचित्र बीमारी से बचाव के लिए अपना शूगर कंट्रोल करे, पानी से नाक की सफाई बहुत ज़रूरी है । और दिन में दो तीन बार शूगर की जाच करे चिकित्सक की सलाह से ही स्टीराइड दवा का प्रयोग करे ।
सुगर कंट्रोल करे डॉक्टर से सलाह ले: ईएनटी डॉ सायमा अज़ीम ने बताया कि काले फंगस का कोई भी लक्षण आंख चेहरे व सिर में दर्द या सूजन आना, आंख का बन्द होना या मुँह से खून आना, दांतो में ढीलापन होना या गिरना , चेहरे के किसी भी हिस्से में काला धब्बा आने व चेहरे के किसी हिस्से के सुन्न होना, आंखों से कम दिखाई देने जैसी समस्या काले फंगस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं । इन बीमारी के लक्षण दिखते ही घबराए बिल्कुल नही ईएनटी चिकित्सक से सलाह ले कर इलाज शुरू करे । उन्होंने कहा कि अगर इसका इलाज समय से नही किया गया तो यह खून के जरिये नसों के सहारे दिमाग तक पहुच सकता है ।
जाच करना ज़रूरी : ईएनटी डॉ सायमा ने बताया कि दूरबीन से नाक व साइनस की जाच सीटी स्कैन, एम आर आई व अन्य जाच करके इस खतरनाक बीमारी का पता लगाया जाता है । अक्सर इस बीमारी से पीड़ित मरीजो की सर्जरी भी की जाती है । उन्होंने लोगों से अपील की है कि घरों व ऑफिस में लगे एयरकंडीशनर की सफाई बहुत ही ज़रूरी है ।
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