पहले तो विपासना पुलिस से बचती रही, पर जब कोई रास्ता नजर नहीं आया तो वह टूट गई और उसने पुलिस को सब कुछ बता दिया। इस तरह हनीप्रीत का सच भी सामने आ गया। 
हनीप्रीत के iPhone से गायब है काफी डाटा, रहीम की साजिशों का हो सकता था पर्दाफाश
डेरा की चेयरपर्सन विपासना 25 अगस्त की हिंसा के बाद शुक्रवार को पुलिस जांच में शामिल होने पंचकूला पहुंची। पुलिस की ओर से तीसरी बार नोटिस किए जाने के बाद विपासना पंचकूला पहुंची। अगर वह इस बार नहीं आती तो उसकी मुश्किलें बढ़ सकती थीं। विपासना से चंडीमंदिर थाने में करीब नौ घंटे तक रहीं। शाम करीब आठ बजे पूछताछ के बाद विपासना को छोड़ दिया। विपासना से पहले अलग जबकि बाद में हनीप्रीत के सामने बिठाकर पूछताछ हुई।
पूछताछ के दौरान हनीप्रीत की तरह विपासना भी शुरू में हिंसा की घटना से किसी तरह के ताल्लुक से अंजान दिखने की कोशिश करती रही। लेकिन इस दौरान मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस विपासना को दोबारा जांच में शामिल करेगी। इसके लिए डेरे की चेयरपर्सन को सोमवार या इसके बाद किसी दिन पंचकूला, सिरसा या किसी और जिले में जांच में शामिल करेगी।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को भी पुलिस ने विपासना को पूछताछ के लिए बुलाया था। तब उसने जांच में शामिल न होकर तबीयत खराब होने का मेडिकल भेजा था। बुधवार दोपहर पुलिस टीम और डॉक्टरों का एक पैनल विपासना का मेडिकल करने के लिए डेरा सच्चा सौदा पहुंचा था। जांच के बाद विपासना को अस्थमा की शिकायत मिली थी। इसके बाद विपासना को फिर नोटिस भेजा गया।
वहीं पिछले नौ दिन तक हनीप्रीत से हुई पूछताछ में उसने जितने भी खुलासे किए, उन सभी प्वाइंट्स पर विपासना से क्रॉस क्वेश्चन किए गए, ताकि दोनों के बयानों का मिलान किया जा सके। हालांकि इस दौरान पुलिस को कुछ संकेत मिले हैं, जिसके तार दंगे की साजिश से जुड़े हो सकते हैं। विपासना ने हनीप्रीत का आईफोन भी एसआईटी को सौंप दिया है। इस फोन में फिंगर सिक्योरिटी लॉक है। हालांकि एक बार फोन को हनीप्रीत से अन लॉक कराकर चेक किया गया तो उसमें से डाटा टेंपर मिला।
वहीं आईफोन के आई क्लाउड का डाटा भी टेंपर था। जब हनीप्रीत से डाटा टेंपर के बारे में पूछा गया तो उसने किसी तरह की जानकारी होने से इंकार किया। हनीप्रीत ने कहा कि पता नहीं है कि डाटा कैसे टेंपर हुआ। पुलिस के मुताबिक डाटा को रिकवर करने के लिए आई फोन को साइबर लैब में भेज दिया गया है। वहीं हनीप्रीत से लैपटॉप और एक मोबाइल पहले ही बरामद हो चुका है। जिसकी जांच की जा रही है।
रिमांड के दौरान हनीप्रीत ने गुरसर मोड़िया के एक घर से पुलिस को बैग बरामद कराया। इस बैग में दर्जनों प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियां थी, जो हनीप्रीत के नाम है।
इसके अलावा बड़ी संख्या में डेबिट और क्रेडिट कार्ड, हनीप्रीत की डिग्रियां व अन्य दस्तावेज मिले हैं। जिन्हें कब्जे में ले लिया गया। पुलिस के मुताबिक इस प्रॉपर्टी का अभी सही आकलन तो नहीं लग पाया, लेकिन इतना तय है कि रजिस्टीयों के हिसाब से जमीन करोड़ों रुपये की है।
डेरे की चेयरपर्सन विपासना से शुक्रवार को पूछताछ हुई।
उन्हें जांच के लिए दोबारा बुलाया जाएगा, ताकि सभी पहलुओं पर जानकारियां हासिल की जा सकें। करीब आठ घंटे से भी अधिक वक्त तक चली पूछताछ में पुलिस ने दंगे की साजिश में शामिल लोगों, 17 अगस्त की मीटिंग, दंगे के लिए रुपये भेजने, डेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश सहित तमाम पहलुओं को खंगाला।