कानपुर से मंगलवार को गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के कानपुर खुरासान ग्रुप के संदिग्ध आतंकी आतिफ और आसिफ को बुधवार को एनआईए ने न्यायालय में पेश किया। एनआईए के सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी आतिफ ने ही लखनऊ में पिछले साल अक्टूबर में दशहरे के मौके पर प्रधानमंत्री की रैली स्थल के पास बम रखा था। कम इंटेनसिटी का बम होने के कारण और दशहरे के त्यौहार में इसका पता नहीं चला था। सात मार्च को लखनऊ में हुए सैफुल्लाह के इंकाउंटर के बाद इस मामले की जांच में आतिफ और आसिफ का नाम सामने आया था। आतिफ सैफुल्लाह का चचेरा भाई है।
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आतंकी सैफुल्ला के तीन रिश्तेदारों को एनआईए ने उठाया था
सात मार्च को सैफुल्लाह के इंकाउंटर के बाद एटीएस और एनआईए ने बारी बारी से कई बार आतिफ से पूछताछ की थी। तीन मई को आतिफ ने लखनऊ में प्रेस क्लब में रिहाई मंच के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर एनआईए और एटीएस पर आरोप लगाए थे कि वह उन्हें सरकारी गवाह बनाना चाहती है। आतिफ और रिहाई मंच के लोगों ने एटीएस द्वारा चलाए गए डी रिडक्लाइजेशन पर भी सवाल उठाए थे। इस अभियान में एटीएस ऐसे भटक रहे युवकों को मुख्यधारा में लाने के लिए काम कर रहे थे।
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