आठ नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की तो पूरे देश में हडकंप मच गया| उस समय खुद पीएम मोदी ने देश की जनता से इसका डट कर सामना करने की सलाह दी थी| उन्होंने कहा था कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि आरबीआई के पास नोटबंदी से निपटने के लिए पर्याप्त नई नकदी है|

नोटबंदी से निपटने की नहीं थी तैयारी
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लेकिन बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लम्बी लम्बी कतारों ने ये साबित कर दिया कि इस फैसले को लेने से पहले सही रणनीति नहीं बनाई गई| मुंबई के आरटीआई ऐक्टिविस्ट अनिल गलगाली को रिजर्व बैंक की ओर से यह जानकारी मिली है|
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इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, आठ नवंबर को जब नोटबंदी का ऐलान हुआ तो रिजर्व बैंक के पास सिर्फ 4.94 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी थी| यह राशि नोटबंदी में अमान्य हुए करीब 20 लाख करोड़ रुपये के एक चौथाई से भी कम थी|
आरबीआई ने बताया है कि नोटबंदी के ऐलान के वक्त उसके पास 24,730 लाख 2,000 रुपये के नए नोट मौजूद थे| जबकि, 9.13 लाख करोड़ रुपये के पुराने 1,000 के नोट और 11.38 लाख करोड़ के पुराने 500 के नोट मौजूद थे|
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