इंडियन आर्मी को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार का ये फैसला सेना के वाहनों को लेकर है। सेना के गाड़ियों के बेड़े में अब मारुति जिप्सी की जगह नई रेंज की SUV शामिल होंगी। सेना के पास 30,000 से ज्यादा जिप्सी है, जिसकी जगह टाटा सफारी स्टॉर्मे को चुना गया है। फिलहाल 3,198 एसयूवी का ऑर्डर दिया जाएगा और बाकी गाड़ियों को अगले साल तक बदला जएगा। सेना की ओर से गाड़ियों का ऑर्डर हासिल करने के लिए टाटा मोटर्स और महिंद्रा में मुकाबला था, जिसमें टाटा मोटर्स को बढ़त मिलती दिख रही है। दोनों कंपनियों की गाड़ियों का सेना ने सख्त तकनीकी परीक्षण किया।
सेना के मारुति जिप्सी के बेड़े में अब नई रेंज की एसयूवी शामिल होंगी। शुरुआती ऑर्डर के लिए टाटा सफारी स्टॉर्मे को चुना गया है। अभी करीब 3,200 गाड़ियों का ऑर्डर दिया जाएगा, जो आने वाले सालों में बढ़कर 10 गुना हो सकती है। सभी स्थितियों जैसे ऊंचे पर्वतीय इलाके, बर्फ से लदे क्षेत्र से लेकर रेगिस्थानों और दलदली इलाकों में गाड़ियों का परीक्षण किया गया। माना जा रहा है कि इस टेस्ट में टाटा ग्रुप पास हो गया है।
मुश्किल इलाकों में भी आसानी से चलने की अपनी योग्यता के कारण जिप्सी सेना की पसंद रही है। अब तक इसका इस्तेमाल बटालियन स्तर से लेकर सैनिकों और अधिकारियों के परिवहन के लिए किया जाता है। लेकिन, अब ऐसी एसयूवी की जरूरत महसूस की गई जिसमें अतिरिक्त सेफ्टी फीचर्स हो और डीजल पर चल सके। डीजल आसानी से उपलब्ध ईंधन है इसलिए सेना ऐसी गाड़ी चाहती है जो डीजल पर अच्छी पावर दे सके। करार हो जाने के बाद टाटा मोटर्स के लिए इस साल यह दूसरा बड़ा ऑर्डर होगा। जनवरी में टाटा ने सेना को मिलिट्री ट्रक सप्लाई करने का 1,300 करोड़ का ऑर्डर हासिल किया था।