प्रद्युम्न को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। हत्या के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीबीआई जांच की घोषणा की,लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल में हुए जघन्य अपराध को लेकर देश में गुस्सा है,लेकिन न तो शैक्षणिक स्टाफ बदला है और न ही गैरशैक्षणिक।
पत्र में उन्होंने अपने दर्द की दास्तां बताते हुए अब तक की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे सवाल किया है कि आखिर एक बाप को इंसाफ कब मिलेगा। पत्र में वरुण ठाकुर ने लिखा है कि एक मां ने बेटा खोया है। पिता ने अपने भविष्य का उजियारा खो दिया है। जिस स्कूल में मेरा बेटा अपने कल को संवारने के लिए गया था, वहीं उस नौनिहाल की जान चली गई। भविष्य की उम्मीदें टूट गईं।
मां का रो-रोकर बुरा हाल है। लेकिन,एक परिवार को लेकर कोई संजीदा नहीं है।वरुण का कहना है कि स्कूल नहीं खोलने को लेकर जिला उपायुक्त विनय प्रताप से भी रविवार को बात की थी। उन्हें भी बताया था कि यदि स्कूल खुला तो सबूत नष्ट हो सकते हैं। अब भी उस बाथरूम के पीछे की खिड़की टूटी है। यदि कोई घुसकर सबूत नष्ट कर देता है तो जिम्मेवार कौन होगा? लेकिन इस बात को दरकिनार करते हुए स्कूल सोमवार से खोल दिया गया। इस मामले में प्रधानमंत्री से दखल देने और जल्द सीबीआई जांच शुरू कराने की मांग की गई है।