भारत ने अफगानिस्तान के 31 प्रांतों में 116 उच्च-प्रभावी सामुदायिक विकास परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेने की घोषणा कर दी है। कुछ हफ्तों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत से अधिक मदद करने की मांग की थी।शादी समारोह में भाग लेने के लिए 6 महिलाएं पहुंची एक ही ड्रेस में….
यूएन महासभा सत्र से इतर एक बैठक के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से इस संबंध में निर्णय लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान, अफगानिस्तान के 31 प्रांतों में 116 उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं को लागू करने के लिए सहमत हुए हैं।
पाक ने कहा अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका नहीं
पाकिस्तान की नजर में अफगानिस्तान में भारत की कोई राजनीतिक या सैन्य भूमिका नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए भारत की भूमिका को अहम बताने के बाद पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकान अब्बासी के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है।
ट्रंप ने पिछले महीने अमेरिका की दक्षिण एशियाई नीति का ऐलान करते हुए आतंकवाद को पनाह देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी और अफगानिस्तान में शांति के लिए भारत से मदद मांगी थी।
संयुक्त राष्ट्र के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका पहुंचे अब्बासी से जब अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, ‘जीरो’ ।
उन्होंने कहा कि भारत की कोई भूमिका नहीं है। भारत वहां हालात को और जटिल ही करेगा और उसके शामिल से वहां का कोई मसला हल नहीं होने वाला है। अगर अमेरिका अफगानिस्तान में भारत की आर्थिक मदद का तलबगार है तो रहे लेकिन हम अफगानिस्तान में उसकी कोई राजनीतिक या सैन्य भूमिका नहीं देखते हैं।
अब्बासी ने कहा हक्कानी नेटवर्क को कोई समर्थन नहीं
अब्बासी ने हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और आईएसआई के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए कहा कि हम अपने देश से किसी संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा नहीं देते। अफगानिस्तान में शांति पाकिस्तान के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अमेरिका के साथ रिश्ते बरकरार रहेंगे
अब्बासी ने कहा कि अमेरिका के साथ 70 साल के रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे। कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमारे रिश्ते मजबूत बने रहेंगे। हम अमेरिका के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करते रहेंगे। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान की नीति की आलोचना करने के बाद अमेरिका से उसके रिश्तों में तनाव आ गया है।