नई दिल्ली: देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध न करा पाने को लेकर आलोचना झेल रही मौजूदा सरकार ने अब कमर कस ली है. जल्द ही मोदी सरकार केंद्र और राज्य स्तर पर 20 लाख खाली पड़े पदों पर भर्ती करने वाली है. बताया जा रहा है केंद्रीय मत्रालयों और सरकारी विभागों के अलावा इनमें पब्लिक सेक्टर की लगभग 244 कंपनियां भी शामिल हैं. रेलवे में ही अकेले सुरक्षा संबंधी मामलों को लेकर 2 लाख लोगों को भर्ती किया जाना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय ऐसे विभागों और संस्थानों का पता लगाने में जुटा है जहां पद खाली पड़े हैं. इसके बाद एक प्लान बनाकर सरकार के पास रखा जाएगा जिसमें रोजाना, साप्ताहिक और मासिक आधार दी जाने वाली नौकरियों से रिक्तियों को भरा जाएगा.
बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रालयों के स्तर पर लगभग 6 लाख पद खाली हैं. जल्द ही श्रम मंत्रालय इसकी जानकारी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को देगा जिसके बाद इन पर भर्ती की जाएगी. अगर केंद्र स्तर पर ये प्रक्रिया सफल रहती है इसे राज्य स्तर पर भी दोहराया जाएगा. इससे कम से 20 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा.
अपने किए वादे के मुताबिक पिछले 3 सालों में सरकार हर साल करीब 2 करोड़ नौकरियां देने के मामले में नाकाम रही है. हाल में आई श्रम मंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि मोदी सरकार के कार्यकाल में रोज़गार सृजन में 60 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इसका मतलब है कि जितनी नई नौकरियां 2014 में मार्केट में जनरेट हुई थीं उसके मुकाबले साल 2016 में 60 फीसदी से ज्यादा जॉब्स क्रिएशन में कमी आई है. मार्केट में डिमांड न होने के चलते पिछले तीन साल में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ भी 10 फीसदी से घटकर एक प्रतिशत रह गई है.
बता दें प्रशासनिक खर्च कम करने के लिए एक के बाद एक सरकारों ने भर्तियों पर रोक लगा दी थी. आने वाले कुछ महीनों में सरकार इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करेगी. हालांकि, केंद्र ऐसे समय में इन पदों को भरने जा रहा है, जब उसके सामने एक चुनौती राजकोषीय घाटे को कम रखने की भी है.
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